नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को स्पैम, ऑनलाइन फर्जीवाड़ा और फर्जी एसएमएस से बचाने के लिए आज से ओटीपी ट्रेसेबिलिटी नियम पूरी तरह लागू कर दिया है। आज से जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल में ट्राई का ओटीपी ट्रेसेबिलिटी नियम लागू हो गया है। पहले ये नियम 31 अक्टूबर से लागू होने थे। दूरसंचार कंपनियों की ओर से इसे लागू करने के लिए ट्राई से और वक्त मांगा गया था। जिसके बाद 30 नवंबर 2024 की डेडलाइन ट्राई ने तय की थी।
नए ओटीपी ट्रेसेबिलिटी नियम के तहत अब मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को मिलने वाली हर ओटीपी की जांच दूरसंचार कंपनियां करेंगी। दूरसंचार कंपनियां देखेंगी कि ओटीपी सही जगह से जारी हुई है या नहीं। ओटीपी का सोर्स सही होने पर ही इसे उपभोक्ता तक पहुंचाया जाएगा। दूरसंचार कंपनियां ओटीपी के सोर्स को देखकर पता लगाएंगी कि फर्जीवाड़े या स्पैम के लिए तो ओटीपी जारी नहीं हुआ है। ट्राई का मानना है कि इससे लोगों को और मजबूत डिजिटल सुरक्षा मिलेगी। ट्राई ने मोबाइल उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया है कि उनको ट्रांजेक्शन वगैरा की ओटीपी पाने में वक्त नहीं लगेगा और समय से ही एसएमएस मिल सकेंगे। पहले माना जा रहा था कि इस नियम के लागू होने से उपभोक्ताओं को ओटीपी मिलने में देर हो सकती है।
ओटीपी ट्रेसेबिलिटी नियम के लागू होने से मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले आसानी से पता कर सकेंगे कि इनमें से कौन से धोखाधड़ी के लिए हैं। टेलीमार्केटिंग और बैंकों के लिए ओटीपी जारी करने की कैटेगरी भी तय की गई है। दूरसंचार कंपनियों से कहा गया है कि वे भी अपने उपभोक्ताओं को अलर्ट वगैरा जारी करें। ओटीपी ट्रेसेबिलिटी नियम मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के बहुत काम का होने वाला है। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी कर लोगों के खातों से पैसा उड़ा लेने की घटनाएं भी काफी हद तक रोकी जा सकेंगी। साथ ही मोबाइल उपभोक्ताओं का मैसेज सिस्टम भी आधुनिक बनेगा। इससे लोगों को काफी सुरक्षा मिलेगी।