newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Year Ender 2023: हिंदू, मुस्लिम या ईसाई, किस धर्म का कैलेंडर है सबसे ज्यादा पुराना, यहां जानिए सबकुछ

Year Ender 2023: मुस्लिम कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर कहा जाता है। इसकी शुरुआत 622 ई. को हुई थी और इसके शुरु होने के पीछे की कहानी बताई जाती है कि इसी वर्ष मोहम्मद साहब मक्का छोड़कर मदीना की ओर निकल गए थे और इस घटना को हिजरत कहा गया। जिसका उर्दू में मतलब होता है ‘चले जाना’।

नई दिल्ली। साल 2023 बस अब खत्म होने जा रहा है, अब  कुछ दिन बाद 2024 में हम एंट्री करने जा रहे है। वैसे तो ये साल देश और दुनिया के लिए काफी अहम रहा है, क्योंकि हमने युद्ध से लेकर क्रिकेट विश्व कप तक सभी इवेंट्स देखें। जैसे साल खत्म होता है वैसे ही हम अपने घरों में मौजूद कैलेंडरों को भी बदल देते हैं। हिंदू धर्म में भी कैलेंडर का बहुत महत्व है। हिंदू धर्म को मानने वाले अपना हर काम मुहूर्त निकलवाकर ही करता हैं चाहे कोई नई गाड़ी लेनी हो या फिर कोई प्रॉपटी या कोई भी कीमती वस्तु हो। इसी तरह मुस्लिम धर्म में भी कैलेंडर का अपना इम्पोर्टेंस है। लेकिन आप सभी के मन में ये सवाल कभी ना कभी तो जरूर आता ही होगा कि आखिर हिंदू और मुस्लिम में से किसका कैलेंडर सबसे ज्यादा पुराना है। तो आज हम आपको इस खबर में इसी से जुड़ी सारी जानकारी देंगे।

Calendra

हिंदू कैलेंडर

सबसे पहले हिंदू कैलेंडर की बात करते हैं। हिंदू कैलेंडर में दो संवत है विक्रम संवत और शक संवत। विक्रम संवत की शुरुआत उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने की थी और ये 57-58 ईसा पूर्व से चला आ रहा है। विक्रम संवत के अनुसार, भारत में सभी व्रत और तीज त्योहारों को मनाया जाता है और इसके कारण विक्रम संवत को हिंदू कैलेंडर माना जाता है। विक्रम संवत के इतिहास की बात की जाए तो ये करीब 2080 साल पुराना है और आजतक लोग इसको मानते आ रहे हैं। वहीं बात करें शक संवत की तो इसकी शुरुआत 78 ई. में कुषाण वंश के राजा कनिष्क ने की थी। शक संवत को भारत सरकार के कामकाजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मुस्लिम कैलेंडर

मुस्लिम कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर कहा जाता है। इसकी शुरुआत 622 ई. को हुई थी और इसके शुरु होने के पीछे की कहानी बताई जाती है कि इसी वर्ष मोहम्मद साहब मक्का छोड़कर मदीना की ओर निकल गए थे और इस घटना को हिजरत कहा गया। जिसका उर्दू में मतलब होता है ‘चले जाना’। इसी के साथ ही मुसलमानो के कैलेंडर हिजरी संवत की शुरुआत हुई थी। इस कैलेंडर में 354 दिन होते हैं। हिजरी कैलेंडर की बात की जाए तो इसकी शुरुआत आज से तकरीबन 1445 साल पहले हुई थी।

जॉर्जियाई कैलेंडर

अब बात करते हैं ईसाइ धर्म की जॉर्जियाई कैलेंडर की, जिसका आज के समय में हम सभी इस्तेमाल करते हैं। इस कैलेंडर की शुरुआत 1582 को हुई थी। इस कैलेंडर का नाम पोप ग्रेगरी XIII के नाम पर रखा गया है और यह दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कैलेंडर भी है। इसमें 12 महीने और 365 दिन होते हैं।

तो इन सभी कैलेंडरो की शुरू होने की तारीखों से हमने आपको अवगत कराया है और अब आसानी से कोई भी जान सकता है कि विश्व का सबसे पुराना कैलेंडर भारत और हिंदू धर्म का विक्रम संवत है जो 2080 साल पुराना है। वहीं मुस्लिम धर्म का हिजरी कैलेंडर करीब 1445 साल ही पुराना है और रही बात जॉर्जियाई कैलेंडर की तो ये हाल फिलहाल में आया है।