
नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के सम्बंध बीते कुछ वर्षों में बेहद मजबूत रहे हैं। इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्ते को दुनिया उम्मीद की नजरों से देख रही है। वहीं भारत और यूरोप के बीच की कड़ी के तौर पर मैक्रों को भारत देख रहा रहा है। इसीलिए भारत के रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने में फ्रांस सबसे बड़ा भागीदार बनना चाहता है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते भरोसे को देखते हुए फ्रांस ने सर्वोत्तम तकनीकों और उपकरणों को साझा करने का फैसला लिया है। यह बात रविवार को फ्रांसिसी राजदूत इमैनुएल लेनेन ने एक वार्ता के दैरान कही।
वार्ता के दौरान फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा कि भारत को यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा घोषित वैश्विक गेटवे योजना के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में ‘कनेक्टिविटी’ बढ़ाने के लिए घोषित 300 अरब यूरो के कोष का एक हिस्सा मिल सकता है। ये भारत की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला है जो भारत और फ़्रांस के रिश्ते और दृढ़ बनाएगा।
इसके साथ ही राजदूत लेनेन ने ये भी कहा कि फ्रांस और भारत की कंपनियां भविष्य के उपकरण, प्लेटफॉर्म और इंजन के निर्माण पर मिलकर साझा हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई भी देश भारत को समान स्तर की तकनीक प्रदान करता है। हम मानते हैं कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता (स्ट्रेटेजिक ऑटोनॉमी) को बढ़ावा देना चाहता है, अपना औद्योगिक आधार बनाना चाहता है और इस कदम में हम भारत का सबसे अच्छे भागीदार बनना चाहते हैं। भारत में औद्योगिक गतिविधियों के लिए ये सबसे अच्छा समय है। जब भारत हर दिशा में तरक्की कर रहा है।
इसके अलावा फ्रांसिसी राजदूत ने आगे कहा, “रक्षा, हमारे सहयोग का एक मजबूत घटक रहा है क्योंकि दोनों देशों के बीच काफी भरोसा है। जब आपको मुद्दों पर काम करना होता है तो आपको भरोसे की आवश्यकता होती है और बीते कुछ सालों में भारत और फ्रांस के बीच भरोसे की मजबूत बुनियाद तैयार हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि यह भरोसा हमारी प्रमुख संपत्ति है। रक्षा सहयोग बहुत अच्छी तरह से विकसित हो रहा है। हम भारत के साथ बहुत सहज हैं। हमने फैसला किया है कि हम अत्याधुनिक उपकरणों की अपनी सर्वोत्तम तकनीक को साझा करेंगे। निकट भविष्य में भारत और फ्रांस के बीच और अहम रक्षा सौदे होने की पूरी संभावना है क्योंकि दोनों देश एक दूसरे को हर क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।