गुरु शब्द आमतौर उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो हमें अंधकार से ज्योति में लाने का काम करता है। गुरु का किसी भी व्यक्ति के जीवन में अहम किरदार होता है। हम अपनी जिंदगी में जो भी उपलब्धि प्राप्त करते हैं, उसमें गुरु की भूमिका अतुलनीय है, लेकिन तब क्या करें जब गुरु ही हैवानियत की सारें हदें ही पार करें और जब फंसने की बारी आए, तो बचाव में ऐसी दलीलें दें, जिसका कोई अस्तित्व ही ना हो। अब इतना सबकुछ पढ़ने के बाद आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि आप यह भूमिका किस संदर्भ में रचा रहे हैं। आखिर माजरा क्या है। जरा कुछ खुलकर बताएंगे, तो चलिए आगे हम आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं। दरअसल, यह पूरा माजरा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से सामने आया है।