नई दिल्ली। बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना के हटने और भारत भागने के बाद वहां हालात अब भी सामान्य नहीं हो सके हैं। 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार का पतन होने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर तमाम तरीकों से अत्याचार हो रहा है। पहले हिंदुओं पर हमले हुए। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की और अब देश में हिंदू शिक्षकों से जबरन इस्तीफा दिलवाया जा रहा है। ये सब तब हो रहा है, जबकि बांग्लादेश में सरकार चला रहे मुहम्मद यूनुस ने खुद हिंदू समुदाय को भरोसा दिलाया था कि उनके देश में अत्याचार बिल्कुल नहीं होगा।
इंडिया टुडे की खबर है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता खत्म होने के बाद से अब तक 50 हिंदू शिक्षकों को पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा चुका है। इनमें ताजा नाम बरिशाल जिले की शुक्ला रानी हलदर का भी है। बांग्लादेश के अखबार ‘प्रोथोम आलो’ यानी पहली रोशनी के अनुसार शुक्ला रानी हलदर बेकरगंज सरकारी कॉलेज में प्रिंसिपल थीं। 29 अगस्त को भीड़ ने इस कॉलेज पर धावा बोला और शुक्ला रानी हलदर को डराया और धमकाया। इससे परेशान होकर शुक्ला रानी हलदर ने ‘मैं इस्तीफा देती हूं’ लिखकर कागज पर साइन कर दिए। इससे पहले 18 अगस्त को अजीमपुर में सरकारी कॉलेज और स्कूल की छात्राओं ने प्रिंसिपल गीतांजलि बरुआ को घेरा था और फिर दबाव डलवाकर सहायक प्रिंसिपल गौतम चंद्र पॉल और शारीरिक शिक्षा की टीचर शहनाजा अख्तर का इस्तीफा करवाया था।
बांग्लादेश की कार्यकारी सरकार अब तक हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे तरह-तरह के अत्याचारों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। कई ऐसे वीडियो भी हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें हिंदू समुदाय के लोगों के घरों पर हमले होने और उनको गांव छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने का दावा किया गया। बांग्लादेश में अब सिर्फ 8 फीसदी ही हिंदू बचे हैं। वहीं, सूफी मुस्लिमों की मजारों और दरगाहों पर भी हमले होने की खबरें आई हैं।