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BAPS Temple in US: अमेरिका में भव्य हिंदू मंदिर बनकर तैयार, 8 अक्टूबर को होगा उद्धाटन, देखें इसकी खूबियां और झलकियां

वहीं अमेरिका में रहने वाले हिंदू समुदाय को उस पल का बेसब्री से इंतजार है, जब इस मंदिर के कपाट को सभी सनातनियों के लिए खोल दिया जाएगा। ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब किसी विदेश धरा पर हिंदू मंदिर के उद्घाटन को लेकर वैश्विक मंच पर लोगों के बीच ऐसी आतुरता देखने को मिल रही है।

नई दिल्ली। यह हिंदू धर्म में अगाध आस्था रखने वाले लोगों के श्रम का ही नतीजा है कि अब अमेरिका में भी भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। अब सभी सनातनियों को उस पल का इंतजार है, जब भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी 8 अक्टूबर को मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू जर्सी में मंदिर का भव्य निर्माण हुआ है। इस मंदिर को बनाने में अगर किसी की अहम भूमिका रही है, तो वो है बीएपीएस स्वामीनारायण। मंदिर के निर्माण कार्य को संपन्न होने में 12 साल लगे हैं। यह मंदिर 183 एकड़ में फैला हुआ है। मंदिर के निर्माण में 12,500 से भी अधिक स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया है।

यह न्यू जर्सी के रॉबिंसविले दाउनशिप में स्थित दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। न्यू जर्सी में स्थित हिंदू मंदिर को प्राचीन मंदिरों की संरचना के अनरूप बनाया गया है। इसमें 10,000 अधिक मूर्तियों और जटिल नक्काशी का उपयोग किया गया है। मुख्य मंदिर के इतर इसके अंदर 12 उप-मंदिर भी निर्माण किए गए हैं।

इस भव्य मंदिर के निर्माण में चूना पत्थर, ग्रेनाइट, गुलाबी बलुआ पत्थर और संगमरमर सहित लगभग दो मिलियन क्यूबिक फीट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यह पत्थर भारत, तुर्की और चीन से मंगवाएं गए हैं। वहीं, 18 अक्टूबर को भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको इस मंदिर की मुख्य विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताते हैं।

ये हैं मंदिर की विशेषताएं

1) स्वामीनारायण अक्षरधाम पश्चिमी गोलार्ध में हिंदू संस्कृति और वास्तुकला के मील के पत्थर के रूप में काम करेगा। मंदिर का उद्घाटन हजारों स्वामी और भक्तों की उपस्थिति में और बीएपीएस आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में किया जाएगा।

2) 183 एकड़ में फैला यह मंदिर अमेरिका का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। यह 255 फीट x 345 फीट x 191 फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। अंगकोर वाट मंदिर परिसर, 12वीं शताब्दी का हिंदू मंदिर 500 एकड़ में फैला हुआ है और अब इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

3) न्यू जर्सी में अक्षरधाम मंदिर को हिंदू धर्मग्रंथों के आधार पर डिजाइन किया गया है और यह भारतीय संस्कृति के कई रंगों को समेटे हुए है। इसमें भारतीय नृत्य रूपों और संगीत वाद्ययंत्रों की नक्काशी भी है।

4) मंदिर में 1 मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर और 9 शिखर और पिरामिडनुमा शिखर हैं। संरचना में चार प्रकार के पत्थरों का उपयोग किया गया है जिनमें चूना पत्थर, गुलाबी बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट शामिल हैं।

5) मंदिर को एक हजार साल तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है और अत्यधिक गर्मी और ठंड सहित सभी बाधाओं का सामना करने के लिए इसकी संरचना की गई है।

6) मंदिर के ब्रह्म कुंड के लिए भारत की पवित्र नदियों और अमेरिका के 50 राज्यों सहित 300 नदियों से जल एकत्र किया गया है।

7) सभी आधुनिक सुविधाओं और प्रथाओं को यहां जीवन में लाया गया है। संरचना में फ्लाई ऐश कंक्रीट मिश्रण के साथ एक सौर पैनल फार्म है, जबकि विशाल उद्यानों में 2 मिलियन से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।

8) मंदिर के निर्माण में पिछले कुछ वर्षों में आम लोगों से लेकर डॉक्टरों, इंजीनियरों और शीर्ष प्रबंधकों और कंपनियों के सीईओ तक, हजारों व्यक्तियों द्वारा स्वैच्छिक योगदान और निस्वार्थ सेवा देखी गई। उन्होंने कथित तौर पर काम से छुट्टी ले ली और ऐतिहासिक संरचना के निर्माण में योगदान देने के लिए मंदिर के पास आवास में रुके।

वहीं अमेरिका में रहने वाले हिंदू समुदाय को उस पल का बेसब्री से इंतजार है, जब इस मंदिर के कपाट को सभी सनातनियों के लिए खोल दिया जाएगा। ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब किसी विदेशी धरा पर हिंदू मंदिर के उद्घाटन को लेकर वैश्विक मंच पर लोगों के बीच ऐसी आतुरता देखने को मिल रही है। पहले सनातन की पहचान के लिए हिंदुस्तान ही मुख्य मंच के रूप में उभरकर सामने आता था, लेकिन अब विश्व मंच पर भी सनातन धर्म को एक विशेष पहचान मिल रही है और इसका पूरा श्रेय उन लोगों को जाता है, जिन्होंने विदेश में रहकर भी हिंदुस्तान की संस्कृति को संरक्षित रखा है।