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Abaya Banned In France: फ्रांस के सरकारी स्कूलों में हिजाब जैसा अबाया पहनने पर लगा बैन, पहले लगी थी हेडस्कार्फ पर रोक

फ्रांस के शिक्षा मंत्री गेब्रियल अटल ने अबाया पर बैन लगाने के फैसले की जानकारी रविवार को दी। उन्होंने कहा कि जब कोई क्लास में जाता है, तो उसे देखकर ये पहचान नहीं होनी चाहिए कि छात्र किस धर्म को मानता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अबाया पर बैन लगाने का फैसला अचानक नहीं लिया गया।

पेरिस। फ्रांस के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं के लिए नए नियम लागू हुए हैं। फ्रांस के शिक्षा मंत्री गेब्रियल अटल ने एलान किया है कि सरकारी स्कूलों की मुस्लिम छात्राएं अब हिजाब जैसा अबाया पहनकर पढ़ने नहीं जा सकेंगी। इससे पहले फ्रांस के स्कूलों में हेडस्कार्फ पहनने पर भी बैन लगा था। अबाया एक ढीली-ढाली पोशाक होती है और इसे महिलाएं सिर से पैर तक पहनती हैं। जिससे पूरा जिस्म ढंका रहता है। फ्रांस में साल 2010 से सार्वजनिक तौर पर चेहरा ढंकने वाला नकाब पहनने पर भी बैन लगा हुआ है। इन प्रतिबंधों के खिलाफ मुस्लिमों ने आवाज उठाई थी, लेकिन सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया।

gabriel atal france

फ्रांस के शिक्षा मंत्री गेब्रियल अटल ने अबाया पर बैन लगाने के फैसले की जानकारी रविवार को दी। उन्होंने कहा कि जब कोई क्लास में जाता है, तो उसे देखकर ये पहचान नहीं होनी चाहिए कि छात्र किस धर्म को मानता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अबाया पर बैन लगाने का फैसला अचानक नहीं लिया गया। गेब्रियल अटल ने कहा कि स्कूलों में अबाया पर बैन के लिए कई महीने तक चर्चा चली है। खास बात ये है कि फ्रांस के स्कूलों में पहले से ही धार्मिक प्रतीक चिन्ह पहनने पर रोक है। स्कूलों में छात्र यहूदियों का किप्पा, मुस्लिमों का हेडस्कार्फ या ईसाइयों का बड़ा क्रॉस पहनकर नहीं आ सकते। अन्य धर्मों के लोगों ने इन प्रतीकों पर बैन का कभी विरोध नहीं किया।

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वहीं, हेडस्कार्फ के बाद अब सरकारी स्कूलों में अबाया पर बैन लगने के बाद इसका विरोध हो रहा है। फ्रेंच काउंसिल ऑफ मुस्लिम फेथ नाम के संगठन ने कहा है कि कपड़े ही धार्मिक चिन्ह नहीं होते हैं। फ्रेंच काउंसिल ऑफ मुस्लिम फेथ, फ्रांस में तमाम मुस्लिम संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। माना जा रहा है कि अबाया पर बैन लगाने के फैसले का आने वाले वक्त में मुस्लिम काफी विरोध कर सकते हैं। हालांकि, फ्रांस की सरकार ऐसे विरोध प्रदर्शनों से कभी फैसले न बदलने वाला रुख ही अपनाती रही है।