ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ पीएम शेख हसीना की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। पहले शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। अब उनके खिलाफ एक के बाद एक केस दर्ज हो रहे हैं। शेख हसीना पर बुधवार को अगवा करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट में वकील सोहेल राणा ने शेख हसीना पर अगवा करने की शिकायत कोर्ट से की थी। खास बात है कि कोर्ट ने शेख हसीना पर अगवा करने का केस चलाने की मंजूरी भी दे दी।
बांग्लादेश के अखबार ढाका पोस्ट की खबर में कहा गया है कि अगवा करने के केस में शेख हसीना के साथ पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व कानून मंत्री अनीस-उल-हक, पूर्व आईजी शाहिद-उल-हक, रैपिड एक्शन बटालियन यानी आरएबी के पूर्व डीजी बेनजीर अहमद और आरएबी के 25 अन्य सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया है। बांग्लादेश की अपदस्थ पीएम शेख हसीना समेत उपरोक्त सभी लोगों के बारे में वकील सोहेल राणा ने आरोप लगाया है कि जब वो 6 जून 2015 की रात अपने दोस्त के साथ घूम रहे थे, उस वक्त आरएबी के जवानों ने उनको अगवा कर लिया। राणा का आरोप है कि पीटने के साथ करंट के झटके दिए गए। फिर राजनीति छोड़ने के लिए धमकाया गया। सोहेल राणा का दावा है कि अगवा करने के 38 दिन बाद 13 अगस्त 2015 को उनको छोड़ा गया।
इससे पहले मंगलवार को शेख हसीना पर हत्या का केस दर्ज किया गया था। इस केस में शेख हसीना के साथ पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान, अवामी लीग के महासचिव ओबैदिल कादिर और पूर्व आईजी अब्दुल्लाह अल-मामून के अलावा एक अन्य शख्स भी आरोपी है। शेख हसीना पर हत्या का केस 19 जुलाई 2024 को पुलिस फायरिंग में अबु सैयद नाम के दुकानदार की मौत से जुड़ा है। ढाका के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने हत्या के केस की जांच के आदेश दिए हैं। शेख हसीना ने अपने खिलाफ छात्रों के उग्र आंदोलन के बाद 5 अगस्त 2024 को ढाका छोड़कर भारत में शरण ली थी। उनके बेटे सजीब जावेद ने बीते दिनों दावा किया था कि शेख हसीना एक बार फिर बांग्लादेश लौटेंगी। सजीब ने ये दावा भी किया था कि शेख हसीना किसी और देश में शरण नहीं लेंगी।