नई दिल्ली। दुनियाभर में मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धाम जमी हुई है ये बात तो हमारी पडोसी मुल्क पाकिस्तान भी मानता है। बीते दिनों उन्हें फिजी और पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था। अब अमेरिका भी प्रधानमंत्री मोदी को एक बड़ा सम्मान देने जा रहा है। वे ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की यात्रा करने के बाद अब अमेरिका जाएंगे। इस महीने के अंत में पीएम मोदी के वॉशिंगटन डीसी जाने की खबर है, जहां पर वो अमेरिकी कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इसके लिए अमेरिकी संसद के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने 22 जून को प्रतिनिधि सभा और सेंट की एक जॉइंट मीटिंग के को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण प्रेषित किया है।
बता दें कि इस बारे में मैक्कार्थी ने ट्वीट करके खुद ही जानकारी दी है। इस बार पीएम मोदी के नाम आया अमेरिकी हाउस स्पीकर की तरफ से यह निमंत्रण बेहद खास माना जा रहा है। क्योंकि अमेरिका में संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित कराना अमेरिका द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक समझा जाता रहा है, इस बार अमेरिका ये सम्मान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने जा रहा है। खबर है कि यहां प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन भारत के भविष्य और दोनों देशों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों के लिए मोदी के दृष्टिकोण के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आएगा। इसमें वो दोनों देशों के निकट भविष्य में संबंधों को लेकर भी अपनी बात रखेंगे।
It is my honor to invite @PMOIndia@narendramodi to address a Joint Meeting of Congress on Thursday, June 22nd.
This will be an opportunity to celebrate the enduring friendship between the United States and India and speak to the global challenges our countries both face. pic.twitter.com/gu68UjJltG
— Kevin McCarthy (@SpeakerMcCarthy) June 2, 2023
गौर करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम अमेरिका के इस इनविटेशन लेटर को ट्विटर पर साझा करते हुए मैक्कार्थी ने ख़ुशी जाहिर की, उन्होंने ट्वीट में लिखा, “गुरुवार, 22 जून को कांग्रेस (संसद) की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच स्थायी दोस्ती का जश्न मनाने और हमारे दोनों देशों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर बात करने के मौके की तरह होगा।”