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Geert Wilders: इस्लाम विरोधी गीर्ट वाइल्डर्स बन सकते हैं न्यूजीलैंड के PM, नूपुर शर्मा का किया था समर्थन

Geert Wilders : सभी मुस्लिमों ने देशों उनके बयान को लेकर रोष जाहिर किया था और भारत सरकार से उनके विरोध में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। इस बीच वैश्विक परिदृश्य का एक नेता का नाम काफी सुर्खियों में रहा था। जिसका नाम है गीर्ट वाइल्डर्स। इन्होंने खुलकर ना महज नूपुर के बयान का समर्थन किया था, बल्कि उनकी तारीफ भी थी।

नई दिल्ली। नूपुर शर्मा के बारे में तो आपको पता ही होगा। आज से तकरीबन एक साल पहले जब उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी की थी, तो पूरे विश्व में भूचाल आ गया था। किसी ने उनका समर्थन किया था, तो किसी ने विरोध लेकिन आपको बता दें कि उनका समर्थन करने वाले लोगों को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी थी। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी नूपुर पर कठोर टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। वहीं, विदेश में भी उनके बयान की खूब चर्चा हुई थी।

हालांकि, सभी मुस्लिम देशों उनके बयान को लेकर रोष जाहिर किया था और भारत सरकार से उनके विरोध में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। इस बीच वैश्विक परिदृश्य पर एक नेता का नाम काफी सुर्खियों में रहा था। जिसका नाम है गीर्ट वाइल्डर्स। इन्होंने खुलकर ना महज नूपुर के बयान का समर्थन किया था, बल्कि उनकी तारीफ भी थी। हालांकि, वैश्विक मंच पर उनके इस कदम पर आपत्ति जताई गई थी, लेकिन उन्होंने इसके परवाह किए बगैर नूपुर के प्रति अपना समर्थन बदस्तूर जारी रखा। वहीं, अब एक बार फिर से गीर्ट वाइल्डर्स को लेकर वैश्विक मंच पर सुर्खियों का बाजार गुलजार हो चुका है। आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? आइए, जरा इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

दरअसल, गीर्ट वाइल्डर्स को लेकर चर्चा है कि वो न्यूजीलैंड की कमान अपने हाथों में संभाल सकते हैं। वो जल्द ही वहां के राष्ट्रपति बन सकते हैं। जी हां…बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं आप। दरअसल, वो न्यूजीलैंड में जारी आम चुनाव में जीत का पताका फहरा सकते हैं। सामने आए एग्जिट पोल से साफ हो चुका है कि भारी मतों से उनकी सरकार बनने जा रही है। गीर्ट वाइल्डर्स न्यूजीलैंड के एक दक्षिणीपंथी नेता हैं। उनकी पार्टी सभी पार्टियों को हार का स्वाद चखाते हुए 150 में से 35 सीटों पर जीत का पताका फहराने जा रही है, जो कि गत चुनाव में जीते गए सीटों से कई गुना अधिक है। वहीं, निवर्तनमान प्रधानमंत्री इस चुनाव में 23 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर काबिज होती हुई नजर आ रही है। बहरहाल, अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि एग्जिट पोल के नतीजे चुनावी नतीजों में कब तक तब्दील हो पाते हैं।

आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से नीदरलैंड में इस्लाम विरोधी माहौल पैदा हुआ है, जिसकी वजह से वहां के राजनीतिक समीकरण में काफी बदलाव आए हैं, जिसका फायदा दक्षिणी पंथी नेताओं को मिलता हुआ नजर आ रहा है। अब ऐसे में आगामी दिनों में न्यूजीलैंड की राजनीतिक स्थिति कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।