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Anti Taliban Forces: इस कबायली कमांडर के पिता ने तालिबान को काबुल में दी थी मात, अब बेटा लड़ने जा रहा जंग

Anti Taliban Forces: मसूद ने लिखा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने न सिर्फ अफगानों के साथ आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ी, बल्कि हमारे पास साझा आदर्श और संघर्ष का लंबा इतिहास है। हमारी आजादी के लिए आप अभी भी मदद कर सकते हैं।

काबुल। अफगानिस्तान से रूसी फौजों के हटने के बाद जब तालिबान ने कब्जा किया था, तो वे पूरे देश पर काबिज हो गए थे। बस उत्तरी अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी को तालिबान कब्जा नहीं कर सके थे। इसकी वजह थे कबायली कमांडर अहमद शाह मसूद। मसूद को पंजशीर का शेर कहा जाता था। उन्होंने सभी कबीलों को जोड़कर नॉर्दर्न अलायंस बनाया था और तालिबान को काबुल में घुसकर खदेड़ा था। 9/11 हमलों के कुछ दिन पहले ही एक आत्मघाती विस्फोट में अहमद शाह मसूद की मौत हो गई थी। अब उनका बेटा अहमद मसूद अपने लड़ाकों के साथ तालिबान से दो-दो हाथ कर रहा है। अहमद मसूद के साथ देश के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी हैं। पंजशीर घाटी पर तालिबान ने कई हमले किए। 1980 के दशक में इस इलाके ने खूनखराबा देखा, लेकिन तालिबान कभी भी अहमद शाह मसूद और उनके लड़ाकों से जीत नहीं सके। अब अहमद मसूद ने अपने पिता की तरह तालिबान से जंग लड़ने के लिए एक बार फिर अमेरिका से मदद मांगी है। मसूद ने अमेरिकी अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में एक लेख लिखा है।

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उसने लिखा है कि मैं आज पंजशीर घाटी से लिख रहा हूं। पिता के कदम पर चलने के लिए मुजाहिदीन लड़ाकों के साथ, जो एक बार फिर तालिबान से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। हमारे पास हथियारों के भंडार हैं, जिन्हें मैंने पिता के समय से इकट्ठा किया, क्योंकि हम जानते थे कि ये दिन आ सकते हैं।

मसूद ने लिखा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने न सिर्फ अफगानों के साथ आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ी, बल्कि हमारे पास साझा आदर्श और संघर्ष का लंबा इतिहास है। हमारी आजादी के लिए आप अभी भी मदद कर सकते हैं। हमें हथियार, गोला-बारूद और इनकी ज्यादा आपूर्ति की जरूरत है।