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इस देश की वजह से 29 दिन बाद लौटेगी अर्मेनिया और अजरबैजान में शांति, युद्ध विराम बनी सहमति

Armenia Azerbaijan War: माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच जिस तरह से भीषण युद्ध(War) चल रहा था, उसके बीच अमेरिकी(America) की पहल से विराम लगने के बाद कई हजार लोगों की जाने बच सकती है।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 29 दिनों से चल रहे भीषण जंग के खत्म होने की उम्मीद जाग गई है। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच समझौते की कई कोशिशें की गईं लेकिन ये कोशिशें विफल रहीं। हालांकि अब माना जा रहा है कि इस जंग में युद्ध के बादल छंटते नजर आ रहैं। बता दें कि दोनों देशों ने आधी रात से युद्ध विराम लागू करने पर सहमति जताई है। पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियों और फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। वैसे तो अर्मेनिया और अजरबैजान दुनिया के नक्शे में दो छोटे से देश हैं, लेकिन नागोर्नो काराबाख को लेकर इन दो देशों के बीच लगभग एक महीने से ऐसी भीषण जंग चल रही है। इस जंग में एक रिपोर्ट के मुताबिक अबतक करीब 5 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। कोरोना जैसे संकट के बीच हो रहे इस युद्ध पर पूरी दुनिया की निगाहें थी।

Armenia-Azerbaijan

अब इन दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉ​म्पियो ने जानकारी दी है कि दोनों देश युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए हैं। दरअसल अमेरिका ने अर्मेनिया और अजरबैजान के विदेश मंत्री और OSCE Minsk Group के साथ गहन बातचीत की सुविधा दी। जिससे नागोर्नो काराबाख़ के संघर्ष को खत्म करने के करीब पहुंचा जा सके।

युद्ध विराम के नियमों का पालन करने को लेकर अर्मेनिया के विदेश मंत्री जोहराब म्नातसाकान्यान और अजरबैजान के विदेश मंत्री जेहुन बायरामोव आधी रात को युद्ध विराम द्वारा लागू करने और पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा युद्ध विराम को लेकर दोनों देशों के साथ अमेरिका ने संयुक्त बयान भी जारी किया है।

Armenia-Azerbaijan

माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच जिस तरह से भीषण युद्ध चल रहा था, उसके बीच अमेरिकी की पहल से विराम लगने के बाद कई हजार लोगों की जाने बच सकती है। इसको लेकर ट्रंप को भी काफी उम्मीदें हैं। ट्रंप ने अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोलस पश्यिनन और अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव को संघर्ष विराम करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों की जानें बच जाएगी।

Donald Trump And Mike Pompeo

फिलहाल दोनों देश इससे पहले भी संघर्ष विराम के लिए राजी हो चुके हैं…लेकिन ये संघर्ष विराम 10 मिनट भी नहीं चल पाया था और उसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे पर गोलाबारी शुरू कर दी थी।