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Curfew In Bangladesh: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के हिंसक होने के बाद पूरे देश में कर्फ्यू, प्रदर्शनकारियों ने जेल जलाकर सैकड़ों कैदियों को रिहा कराया; 100 से ज्यादा की मौत के बाद सेना तैनात

Curfew In Bangladesh: बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से आरक्षण विरोधी आंदोलन चल रहा है। ये आंदोलन शुरू से ही हिंसक है। आरक्षण विरोधियों ने बांग्लादेश के सरकारी टीवी चैनल के दफ्तर में भी आगजनी की थी। अब नरसिंगुड़ी जेल में आगजनी कर सैकड़ों कैदियों को मुक्त कराए जाने की खबर है।

ढाका। बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों की तरफ से नरसिंगुड़ी जिले की जेल को जलाए जाने और सैकड़ों कैदियों को रिहा कराए जाने के बाद बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाया गया। शेख हसीना सरकार ने इसके साथ ही शांति बहाली के लिए सेना को तैनात करने का फैसला भी किया है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान गई है। इस बीच, बांग्लादेश में पढ़ने और कामकाज के लिए गए सैकड़ों भारतीयों और 15 नेपालियों को भारत लाया जा चुका है।

बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से आरक्षण विरोधी आंदोलन चल रहा है। ये आंदोलन शुरू से ही हिंसक है। आरक्षण विरोधियों ने बांग्लादेश के सरकारी टीवी चैनल के दफ्तर में भी आगजनी की थी। पहले शेख हसीना सरकार ने हालात संभालने के लिए बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के जवान तैनात किए थे। बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत कई जगह हिंसा को रोकने के लिए बॉर्डर गार्ड्स ने फायरिंग भी की थी। जिसमें दर्जनों प्रदर्शनकारियों की मौत होने की खबर है। फायरिंग में लोगों की मौत के बाद प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए। उन्होंने नरसिंगुड़ी जिले की जेल पर धावा बोला और आग लगा दी। इसके बाद सैकड़ों कैदियों को भी मुक्त कर दिया। जिसके बाद हालात को देखकर कर्फ्यू लगाने का एलान किया गया।

प्रदर्शनकारी 1971 के मुक्ति युद्ध के नायकों और उसमें हिस्सा लेने वालों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस आरक्षण को खत्म किया जाए। वहीं, शेख हसीना की सरकार इस आरक्षण को खत्म करने से इनकार कर रही है। वहीं, बांग्लादेश में फंसे भारतीय छात्रों और वहां गए भारत के अन्य लोगों को सकुशल भारत लाने के लिए भारतीय उच्चायोग और बीएसएफ लगातार काम कर रहे हैं। भारत से हर रोज हजारों लोग कामकाज के सिलसिले में बांग्लादेश जाते हैं। हजारों भारतीय छात्र भी शिक्षा के कम खर्चीला होने के कारण बांग्लादेश जाकर पढ़ाई करते हैं।