
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में चट्टोग्राम में तीन हिंदू मंदिरों पर हमले की घटना ने देश-विदेश में चर्चा छेड़ दी है। इस्कॉन के पूर्व सदस्य और मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इस घटना के विरोध में चट्टोग्राम में प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को तीन मंदिरों पर हमला कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया।
नारेबाजी के बीच तोड़े गए मंदिर
चट्टोग्राम के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन इलाके में दोपहर 2:30 बजे सैकड़ों लोगों की भीड़ ने शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतानेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया। प्रत्यक्षदर्शियों और मंदिर प्रबंधन के अनुसार, हमलावरों ने ईंट-पत्थर फेंककर मंदिरों को नुकसान पहुंचाया। इस हमले में मंदिरों को हल्का नुकसान हुआ है, जिसे पुलिस ने भी पुष्टि की है। कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने कहा कि हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
भारत में छिड़ी बहस
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत में भी राजनीतिक बहस तेज हो गई है। शुक्रवार को राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सदन में निंदा प्रस्ताव पेश करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा जाए। साथ ही, इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की आवश्यकता है।
मंदिरों पर हमलों से बढ़ा तनाव
यह घटना हिंदू समुदाय में गहरी चिंता का विषय बन गई है। दुनियाभर में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई जा रही है। हाल के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या है सरकार की रणनीति?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर भारत सरकार क्या कदम उठाएगी, यह सवाल अब सभी के सामने है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इन घटनाओं को लेकर चिंता जताई जा रही है।