
केप केनेवरल। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा की तारीख एक बार फिर तय हुई है। एक्सिओम-4 मिशन के बारे में बताया गया है कि शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की धरती से आईएसएस की यात्रा 25 जून यानी कल होगी। इससे पहले छह बार शुभांशु और इन अंतरिक्ष यात्रियों की आईएसएस की यात्रा टली थी। शुभांशु के अलावा हंगरी, पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री भी आईएसएस जाएंगे। आईएसएस में सभी अंतरिक्ष यात्री दो हफ्ते तक रहकर तमाम प्रयोग करने हैं। शुभांशु शुक्ला भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं, जो अमेरिका से आईएसएस जाएंगे। उनसे पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा रूस के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष गए थे।
शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को 29 मई को आईएसएस जाना था। उस तारीख को तकनीकी कारणों से शुभांशु शुक्ला आईएसएस नहीं जा सके। फिर एक्सिओम-4 मिशन के लिए 8 जून, 10 जून और 11 जून की तारीख तय की गई। इन तारीखों पर भी स्पेस एक्स का फैल्कन रॉकेट उड़ान नहीं भर सका। फिर 19 जून और 22 जून को लॉन्च की तारीख तय हुई, लेकिन इन तारीखों पर भी शुभांशु शुक्ला आईएसएस के लिए उड़ान नहीं भर सके। अब सबकुछ अगर ठीक रहा, तो शुभांशु व अन्य अंतरिक्ष यात्री बुधवार को आईएसएस के लिए उड़ान भरेंगे। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 12.01 बजे आईएसएस के लिए शुभांशु की उड़ान होगी।
शुभांशु और अन्य अंतरिक्ष यात्री 26 जून को भारतीय समय के मुताबिक शाम 4.30 बजे आईएसएस पहुंचेंगे। स्पेस एक्स के फैल्कन-9 रॉकेट में लगे ड्रैगन कैप्सूल के जरिए शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस भेजा जा रहा है। ये वही यान है, जिसके जरिए आईएसएस में लंबे वक्त तक फंसी रहीं अमेरिकी अंतिरक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को धरती पर वापस लाया गया था। शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। यानी आईएसएस में ड्रैगन कैप्सूल को जोड़ने का अहम काम उनको ही करना है। साथ ही धरती तक वापसी की रूपरेखा भी शुभांशु तय करेंगे। इस मिशन में अमेरिका की पैगी व्हिटसन, हंगरी के तिबोर कापु और पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की विस्नेवस्की भी आईएसएस जाएंगे। आईएसएस पर शुभांशु शुक्ला भारतीय शिक्षण संस्थानों के सात और नासा के 5 प्रयोग करेंगे।