
इस्लामाबाद। विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने ऑपरेशन बाम के तहत पाकिस्तान सेना के 84 ठिकानों पर हमला कर 50 जवानों को मार गिराने और इतने ही जवानों को गंभीर रूप से घायल करने का दावा किया है। बीएलएफ ने दावा किया है कि उसने 9 से 11 जुलाई तक पाकिस्तान सेना को निशाना बनाया। बीएलएफ ने कहा है कि अब बलूचिस्तान की संपदा को की लूट जारी नहीं रह सकती। उसने कहा है कि पाकिस्तान की पंजाबी हकूमत और फौज अब बलोच राष्ट्र का दमन नहीं कर सकती। बीएलएफ ने पाकिस्तान की सेना को औपनिवेशिक शोषण बताया है। विद्रोही संगठन ने कहा है कि बलूचिस्तान की जनता झूठे लोकतंत्र और इस्लामी भाईचारे के नारों और विभाजन पैदा करने वाली चालबाजी में नहीं आने वाली।
बीएलएफ ने कहा है कि उसके ऑपरेशन में पाकिस्तान की सैन्य खुफिया सेवा (एमआई) और आईएसआई के 9 एजेंट भी मारे गए हैं। बीएलएफ का दावा है कि उसने ऑपरेशन बाम में मोबाइल के सात टावर और उनमें लगी मशीनों को भी आग लगाकर नष्ट कर दिया। इसके अलावा बीएलएफ ने कहा है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना को रोकने के लिए 22 जगह उसने अस्थायी चेकपोस्ट बनाए हैं। बीएलएफ ने दावा किया है कि उसने बलूचिस्तान से खनिज ले जाने वाले 24 ट्रक और गैस टैंकर भी नष्ट किए हैं। पाकिस्तान की सेना के पांच से ज्यादा ड्रोन भी मार गिराने का बलूच विद्रोहियों ने दावा किया है। बीएलएफ के मुताबिक उसने पाकिस्तान के कस्टम विभाग और तटरक्षक बल को भी निशाना बनाया।
बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट का दावा है कि उसने पाकिस्तान सेना के मशीनगन समेत तमाम हथियार जब्त किए हैं। बीएलएफ ने बताया है कि उसने बलूचिस्तान के मकरान, कोलवा, रेखशान, सरावन, कोह-ए-सुलेमान, बेला, झालावान और कच्छी इलाकों में ऑपरेशन बाम चलाया। बता दें कि बलूचिस्तान के विद्रोही संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान का इस इलाके पर अवैध कब्जा है। ये विद्रोही संगठन बलूचिस्तान से खनिज संपदा और प्राकृतिक गैस के दोहन के भी खिलाफ हैं। बलूचिस्तान के एक और विद्रोही संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इसी साल एक ट्रेन को अगवा कर 200 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार डालने का दावा किया था।