ढाका। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आज संसद की 300 सीटों के लिए आम चुनाव होने जा रहा है। इन सभी सीटों पर सत्तारूढ़ अवामी लीग के प्रत्याशी खड़े हैं। कुल मिलाकर 1500 उम्मीदवार हैं। जिनकी किस्मत का फैसला 11 करोड़ बांग्लादेशी जनता करेगी। अवामी लीग के खिलाफ मुख्य विपक्ष इन चुनावों में नहीं है। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जमात-ए-इस्लामी और अन्य सहयोग दलों ने आम चुनावों का बहिष्कार किया है। इन सभी विपक्षी दलों ने कल यानी सोमवार सुबह 6 बजे तक हड़ताल का आह्वान किया है। विपक्ष के हड़ताल को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ी तादाद में सुरक्षाबल तैनात किए हैं। इन सुरक्षाबलों को हिंसा रोकने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं। चुनाव से पहले ही बांग्लादेश में 14 मतदान केंद्र और 2 स्कूलों में आगजनी किए जाने की खबर है।
बांग्लादेश चुनाव आयोग ने जनता की सुविधा के लिए एक एप जारी किया था, लेकिन उसमें ज्यादा लोगों के एक साथ लॉग इन करने की वजह से ये क्रैश हो गया। हालांकि, चुनाव आयुक्त हबीबुल ने कहा है कि मतदान से पहले एप को ठीक कर लिया जाएगा। सुबह 8 बजे से बांग्लादेश में वोटिंग होनी है। नतीजे कल रात तक आने की उम्मीद है। इन चुनावों को लगातार चौथी बार जीतने की ख्वाहिश सत्तारूढ़ अवामी लीग ने जताई है। पीएम शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने कहा है कि चुनाव जीतकर फिर सत्ता में आने पर सभी पड़ोसी देशों और खासकर भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत किया जाएगा।
भारत के लिए भी शेख हसीना की सरकार बनना बहुत अहम है। शेख हसीना की अवामी लीग जब भी बांग्लादेश में सरकार में रही, भारत के साथ उसके रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं। बीएनपी और उसके गठबंधन की सरकारों के दौर में भारत के विरोध के कारण उससे बांग्लादेश के रिश्ते निम्नतम स्तर पर पहुंचते रहे हैं। इस बार बीएनपी और अन्य विपक्षी दलों के चुनाव न लड़ने के कारण फिर शेख हसीना की सरकार बनने की पूरी उम्मीद है। ऐसे में बांग्लादेश में तमाम विकास कार्यों में भारत की तरफ से मदद का हाथ आगे भी बढ़ाया जाता रहेगा। बीएनपी की नेता और पूर्व पीएम खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामले में अदालती फैसले के कारण घर में नजरबंद हैं। ऐसे में शेख हसीना के चौथी बार पीएम बनने की तरफ भारत जरूर टकटकी लगाकर देख रहा होगा।