नई दिल्ली। वर्ष 2025 की पहली छमाही में बांग्लादेश का राजस्व संग्रह नकारात्मक हो गया है, जो देश की धीमी होती अर्थव्यवस्था और बढ़ती वित्तीय दरारों का संकेत है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, अर्थशास्त्रियों और व्यापारियों का मानना है कि यह केवल राजस्व संग्रह में गिरावट का मामला नहीं है, बल्कि इससे देश के आर्थिक ढांचे की कमजोरी भी उजागर होती है।
विश्व बैंक ने घटाया विकास दर का अनुमान
विश्व बैंक ने बांग्लादेश की विकास दर के अनुमान को संशोधित कर वित्त वर्ष 2025 के लिए इसे 4 प्रतिशत कर दिया है। यह पहले के अनुमान से 1.7 प्रतिशत कम है। बैंक ने इसका कारण “हालिया राजनीतिक अस्थिरता” और “डेटा की अनुपलब्धता” बताया है।
बता दें कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर राजनीतिक उथल-पुथल का असर पड़ रहा है। कई विशेषज्ञ इसे देश की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा मान रहे हैं।
मोहम्मद यूनुस ने लगाया फेक ग्रोथ का आरोप
इस बीच नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के विकास दर के दावों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावोस में कहा, “हसीना यह दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी सरकार ने देश को असाधारण रूप से विकसित किया है। लेकिन यह सब नकली है। यह तथ्यों पर आधारित नहीं है।”
Bangladesh is literally facing a balance of payment crisis.
They are bankrupt. GDP growth is about to fall this annum and the economy is in a turmoil.So who will provide them the soft loans required for the purchase?
It’s a case of 1 bhikari buying from another bhikari. https://t.co/S3yBUEwzM8
— Arihant_Ray (@Ray70409890) January 24, 2025
यूनुस ने यह भी कहा कि हसीना ने 2009 में सत्ता संभालने के बाद से विकास दर में बढ़ोतरी के जो दावे किए हैं, वे पूरी तरह गलत हैं। हसीना के नेतृत्व में 2017-18 में विकास दर 8 प्रतिशत तक पहुंची थी, जबकि 2009 में यह 5 प्रतिशत थी। हालांकि, यूनुस ने इन आंकड़ों को ‘भ्रामक’ करार दिया।
आर्थिक स्थिरता पर मंडरा रहे खतरे
विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्व संग्रह में गिरावट, बढ़ती महंगाई, और राजनीतिक अस्थिरता के कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था दबाव में है। यदि समय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो देश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है।
सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह राजस्व बढ़ाने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए। साथ ही, राजनीतिक स्थिरता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।