
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इमिग्रेशन नीति के खिलाफ लॉस एंजिलिस में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां तक कि हालात पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। 4 हजार से ज्यादा नेशनल गार्ड सैनिकों और 700 अमेरिकी मरीन की तैनाती की गई है। वहीं कुछ विरोधी प्रदर्शनकारियों के द्वारा अमेरिका के झंडे को जलाते हुए देखा गया। ऐसा करने वालों को अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इतना ही नहीं ट्रंप ने अमेरिकी झंडा जलाने वाले लोगों की तुलना जानवरों से की।
राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि विरोध प्रदर्शनों के लिए किसके द्वारा फंडिंग की जा रही है। ट्रंप बोले, जो लोग अमेरिका के झंडे जला रहे हैं वो निश्चित रूप से अमेरिका से प्यार नहीं करते। ऐसे लोगों को कम से कम एक साल जेल में बंद किया जाना चाहिए। हम कुछ सीनेटरों के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में होने वाली आर्मी परेड के दौरान प्रदर्शन की संभावना को लेकर भी स्पष्ट और दो टूक शब्दों में चेताया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने वालों को सेना का सामना करना पड़ेगा।
दरअसल ट्रंप प्रशासन अमेरिका में रह रहे अवैध आप्रवासियों को देश से बाहर कर रहा है। लॉस एंजिल्स में अवैध प्रवासियों के खिलाफ खास तौर से छापेमारी की गई थी। इसी के बाद से वहां विरोध प्रदर्शन तेज हो गए। नेशनल गार्ड्स की तैनाती को लेकर भी ट्रंप के फैसले का विरोध हो रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है जब गवर्नर की मंजूरी के बिना किसी राज्य में नेशनल गार्ड्स को तैनात किया गया है। यही कारण है कि कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिल्स की मेयर ट्रंप से नाराज हैं। उनका कहना है कि यह संघीय अधिकार का अतिक्रमण है, ट्रंप ने कैलिफोर्निया के 10वें संशोधन के अधिकारों का उल्लंघन किया है।