newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Big Protest By Awami League Of Sheikh Hasina In Dhaka: ढाका में आज कानून और व्यवस्था की हालत गंभीर होने की आशंका, शेख हसीना की अवामी लीग के विरोध मार्च को अंतरिम सरकार ने फासिस्ट बताकर नहीं दी मंजूरी

Big Protest By Awami League Of Sheikh Hasina In Dhaka: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आज कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा होने की आशंका है। इसकी वजह ये है कि बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के विरोध मार्च को फासिस्ट बताकर मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आज कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति और हिंसा की आशंका है। इसकी वजह ये है कि बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के विरोध मार्च को फासिस्ट बताकर मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र शाखा को मोहम्मद यूनुस सरकार ने अक्टूबर में बैन कर दिया था। उसी फैसले के विरोध में शेख हसीना की पार्टी ने ढाका में आज विरोध मार्च का एलान किया है। अवामी लीग ने अपने कार्यकर्ताओं पर अत्याचार का आरोप भी लगाया है।

अवामी लीग ने बांग्लादेश के सभी लोगों से अपने विरोध मार्च में शामिल होने का आग्रह किया है। शेख हसीना की पार्टी ने बयान में अधिकारों को छीने जाने, कट्टरपंथियों को बढ़ावा मिलने और आम लोगों के जीवन को बाधित करने की साजिश का आरोप लगाया है। अवामी लीग ने मौजूदा सरकार के कुशासन के खिलाफ उठ खड़े होने के लिए कहा है। वहीं, मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीक-उल-आलम ने बयान में कहा है कि इस फासिस्ट पार्टी (अवामी लीग) को विरोध प्रदर्शन की मंजूरी नहीं मिलेगी। शफीक ने शेख हसीना को सामूहिक हत्या का जिम्मेदार और तानाशाह बताकर कहा है कि जो भी उनके आदेश पर सभा, जुलूस और रैली करेगा, उसे कानून लागू करने वाली एजेंसियों का सामना करना होगा। मोहम्मद यूनुस के सलाहकार ने कहा है कि हिंसा और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Shekh Hasina

बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ इस साल जून से छात्रों ने आरक्षण विरोधी आंदोलन शुरू किया था। शेख हसीना ने इस आंदोलन के खिलाफ कड़ा रवैया अख्तियार किया। इसके बावजूद आंदोलन खत्म नहीं हुआ। हालात बिगड़ने पर 5 अगस्त को शेख हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ बांग्लादेश से भागकर भारत आ गईं। वो अभी भारत में ही रह रही हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश से भारत भाग आने के बाद वहां कुछ दिनों तक सेना ने शासन देखा और फिर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया। आंदोलन के दौरान और शेख हसीना के भारत आने के बाद बांग्लादेश में जबरदस्त हिंसा भी हुई थी। उसमें दर्जनों लोगों की जान गई। अब भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हिंसा की कई घटनाएं होने की खबरें आए दिन आती हैं।