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Soros Funded For Hamas Rallying!: हमास के पक्ष में प्रदर्शन के लिए अरबपति जॉर्ज सोरोस ने दिए 15 मिलियन डॉलर!, अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क पोस्ट का दावा

खास बात ये भी है कि जॉर्ज सोरोस पर भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार को गिराने के लिए भी तमाम संगठनों को फंड देने का आरोप लग चुका है। खुद बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जॉर्ज सोरोस पर मोदी सरकार गिराने के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया था।

न्यूयॉर्क। अरबपति जॉर्ज सोरोस पर दुनियाभर में सरकारों को गिराने के लिए साजिश रचने वालों को फंड देने का आरोप लगता रहता है। अब एक बार फिर जॉर्ज सोरोस ऐसे ही आरोपों में घिरे हैं। जॉर्ज सोरोस के बारे में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क पोस्ट ने दावा किया है कि अरबपति ने हमास के पक्ष में हो रहे तमाम प्रदर्शनों के लिए फंड दिया है। इन प्रदर्शनों में शामिल होने वाले हमास समर्थक इजरायल के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं और इजरायल पर हुए आतंकी हमलों को फिलिस्तीन की आजादी की लड़ाई बता रहे हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट की खबर के मुताबिक जॉर्ज सोरोस ने फिलिस्तीन और हमास के पक्ष में प्रदर्शन करने वालों को 15 मिलियन डॉलर का बड़ा फंड दिया है। अखबार ने दावा किया है कि जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) ने टाइड्स सेंटर के जरिए 13.7 मिलियन डॉलर की फंडिंग एक धुर वामपंथी समूह को दी। ये समूह हमास के आतंकी हमलों को सही ठहराने वाले संगठनों को धन देता है। ये संगठन लगातार कहते हैं कि यहूदियों को मिटाने की बात करने वाले फिलिस्तीनी ही असल में पीड़ित हैं। खास बात ये भी है कि जॉर्ज सोरोस पर भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार को गिराने के लिए भी तमाम संगठनों को फंड देने का आरोप लग चुका है। खुद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने बीजेपी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जॉर्ज सोरोप ये आरोप लगाया था।

new york post on george soros

न्यूयॉर्क पोस्ट ने आगे अपनी खबर में बताया है कि टाइड्स सेंटर से जुड़े लोग अमेरिका के इलिनॉय के संगठन अदालाह जस्टिस प्रोजेक्ट में भी 7 अक्टूबर की उस तारीख में शामिल थे, जिस दिन इजरायल पर हमास ने भीषण आतंकी हमले किए। अदालाह जस्टिस प्रोजेक्ट ने एक फोटो भी इंस्टाग्राम पर शेयर किया। इसमें इजरायल की बाड़बंदी तोड़ता हुआ हमास आतंकियों का बुलडोजर दिखाया गया था। फिलिस्तीनी संगठन के लोगों ने कैलिफोर्निया के सांसद रो खन्ना के दफ्तर पर भी 20 अक्टूबर को कब्जा जमा लिया था, क्योंकि रो खन्ना ने गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव लाने की मांग की थी। अदालाह के सदस्यों ने उसी दिन ब्रायंट पार्क में यहूदी विरोधी रैली को भी स्पांसर किया। इस रैली में हमास के पक्ष में जमकर नारेबाजी हुई थी। अदालाह के वित्तीय रिकॉर्ड बताते हैं कि उसने 2020 में भी 30000 डॉलर का फंड डेसीस राइजिंग अप एंड मूविंग संगठन को दिए। इस संगठन ने भी ब्रायंट पार्क प्रदर्शनों को स्पांसर किया। इस प्रदर्शन में 139 लोग गिरफ्तार किए गए थे।

pro hamas rally 1

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने न्यूयॉर्क के अरब-अमेरिकन एसोसिएशन को भी 2018 में 60000 डॉलर दिए थे। इस संगठन ने फिलिस्तीन के पक्ष में 21 अक्टूबर को बे ब्रिज में प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में इजरायल के झंडे को कूड़ेदान में दिखाकर कहा गया था कि कृपया धरती को साफ रखें। अखबार के अनुसार ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने 1.5 मिलियन डॉलर का फंड अदालाह-द लीगल सेंटर फॉर अरब माइनॉरिटी राइट्स इन इजरायल को भी दिया। अन्य फिलिस्तीनी संगठनों को भी जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से 650000 और 400000 डॉलर की फंडिंग की गई। इन दोनों ने भी ब्रायंट पार्क रैली को स्पांसर किया था। मीडिया रिसर्च सेंटर के उपाध्यक्ष डैन स्नाइडर ने अखबार को बताया कि खुद यहूदी होने के बाद भी जॉर्ज सोरोस ने इजरायल के खिलाफ आतंकियों का महिमामंडन करने वालों की हमेशा मदद की है। स्नाइडर ने कहा कि सोरोस और उनके बेटे एलेक्स ने पूरी दुनिया में कट्टरपंथियों की मदद की और इसमें हमास भी शामिल है। वहीं, ब्रूकलिन में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता डेविड ग्रीनफील्ड ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा कि 7 अक्टूबर के बाद सोरोस का ग्रुप तय कर रहा होगा कि वो फिलिस्तीन को आजाद कराने में जुटेगा या यहूदियों के नरसंहार का इरादा रखने वाले संगठनों का साथ देगा।

pro hamas rally 2

बता दें कि जॉर्ज सोरोस 93 साल के हैं और साल 1984 से उन्होंने दुनियाभर में संगठनों को 32 अरब डॉलर का फंड दिया है। इसी साल जून में सोरोस ने एलान किया था कि वो अब सारा कामकाज अपने बेटे एलेक्स यान एलेक्जेंडर को सौंप रहे हैं। अदालाह-द लीगल सेंटर फॉर अरब माइनॉरिटी राइट्स के प्रवक्ता अरी रेमेज ने कहा कि ओपन सोसाइटी उनके संगठन को फंड देती है ताकि इजरायल के कब्जे में रहने वाले फिलिस्तीनियों के मानवाधिकारों की आवाज उठाई जा सके। अखबार ने सोरोस के परिवार, ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, टाइड्स, अदालाह जस्टिस प्रोजेक्ट और अन्य फिलिस्तीनी संगठनों से भी इस बारे में पक्ष लेने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी न्यूयॉर्क पोस्ट के संदेशों का जवाब नहीं दिया।