भारत पर बढ़ रहा दुनिया का भरोसा, कोविड वैक्सीन के बाद ब्रिटेन ने 5 प्रोजेक्ट पर रिसर्च के लिए मिलाया हाथ
ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड तारीक अहमद के द्वारा इस रिसर्च के लिए 4 मिलियन यूरो की मदद का ऐलान किया गया। दरअसल, दवाई और एंटी बॉडी पर रिसर्च से जुड़े क्षेत्र में भारत दुनिया में एक अहम भूमिका निभाता है।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच दुनिया का भारत भरोसा बढ़ता जा रहा है। कोविड वैक्सीन के बाद भारत और ब्रिटेन ने रिसर्च के क्षेत्र में हाथ मिलाया है।दोनों देश पहले भी साथ में कई बैक्टीरिया, एंटी बॉडी से जुड़े विषयों पर रिसर्च करते आए हैं, अब पांच नए प्रोजेक्ट पर बात आगे बढ़ी है। जिसके तहत एंटी-माइक्रोबायल रेजिस्टेंस को लेकर रिसर्च की जाएगी। इस रिसर्च के दम पर दुनिया में जारी एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी।
ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड तारीक अहमद के द्वारा इस रिसर्च के लिए 4 मिलियन यूरो की मदद का ऐलान किया गया। दरअसल, दवाई और एंटी बॉडी पर रिसर्च से जुड़े क्षेत्र में भारत दुनिया में एक अहम भूमिका निभाता है। साथ ही भारत antimicrobials का सबसे बड़ा निर्माता भी है, यही कारण है कि ब्रिटेन ने भारत के साथ हाथ मिलाकर इन मसलों पर रिसर्च को आगे बढ़ाया है।
इसके लिए पांच प्रोजेक्ट को प्लान किया गया है, जिसकी शुरुआत सितंबर 2020 में होगी। इनमें यूके की ओर से 4 मिलियन यूरो दिए जाएंगे, जबकि बाकी सहायता भारत देगा। प्रोजेक्ट की कुल लागत 8 मिलियन यूरो तक बताई जा रही है।
लॉर्ड तारीक अहमद के मुताबिक, भारत और यूके पहले ही कोविड-19 की वैक्सीन पर साथ में काम कर रहे हैं। अगर हमारा क्लीनिकल ट्रायल सफल रहता है, तो दुनिया को जल्द ही हम इनकी डोज़ देना शुरू कर देंगे। इसके अलावा भी दोनों देश दुनिया के लिए काफी कुछ कर सकते हैं, यही कारण है कि अब इस क्षेत्र में हमने हाथ मिलाया है।