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1978 में तमिलनाडु से चोरी हुई भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता की ऐतिहासिक मूर्तियों को ब्रिटेन ने भारत को सौंपा

कोविड-19(Covid-19) के चलते सीमित संख्या में अतिथियों को लंदन(London) में इंडिया हाउस(India House) में आयोजित एक समारोह में बुलाया गया। समारोह में लंदन स्थित श्री मुरुगन मंदिर के पुजारियों ने मूर्तियों की संक्षिप्त पूजा अर्चना की और इसके बाद उन्हें भारत को सौंप दिया गया।

नई दिल्ली। मंगलवार को ब्रिटेन ने भारत को 1987 में चोरी हुई भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता की ऐतिहासिक मुर्तियां सौंपी हैं। बता दें कि ये मुर्तियां तमिलनाडु के एक मंदिर से दशकों पहले चुराई गई थीं। दरअसल 1978 में ये मूर्तियां के चोरी हुई थी जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की थी।

Britain Parliament Flag

एक अनाम संग्रहकर्ता ने मूर्तियों को खरीदा था जिसे मेट्रोपोलिटन पुलिस ने घटना की जानकारी दी। सन 1950 में खींचे गए प्रतिमाओं के चित्रों से मिलान करने के बाद पाया गया कि यह विजयनगर काल की वही मूर्तियां हैं जिन्हें तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के अनंतमंगलम में स्थित श्री राजगोपालस्वामी मंदिर से चुराया गया था।

कोविड-19 के चलते सीमित संख्या में अतिथियों को लंदन में इंडिया हाउस में आयोजित एक समारोह में बुलाया गया। समारोह में लंदन स्थित श्री मुरुगन मंदिर के पुजारियों ने मूर्तियों की संक्षिप्त पूजा अर्चना की और इसके बाद उन्हें भारत को सौंप दिया गया। ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने कहा, ‘आज इन सुंदर प्रतिमाओं की खोज पूरी हुई। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इन मूर्तियों को भारत भेजने से पहले इनके साथ आदरपूर्वक व्यवहार किया जाए।’

 

उन्होंने कहा है कि, ‘भारत सरकार की तरफ से मुझे उम्मीद है कि इससे प्रेरणा लेकर संग्रहालय और संग्रहकर्ता अपने संग्रह की जांच करेंगे और भारत के लोगों को उनके भगवान की मूर्तियां वापस करने में हमारी सहायता करेंगे।’ ब्रिटेन में रहने वाले संग्रहकर्ता को भारतीय कला और संस्कृति का प्रशंसक बताया जाता है।

Ram Lakshman Sita StatueBritain

वहीं मेट्रोपोलिटन पुलिस के टिम राईट ने कहा, ‘इन प्रतिमाओं को भारत को सौंपने से दो उद्देश्य सिद्ध हुए हैं: प्रभावी संपर्क और बातचीत और सांस्कृतिक विरासत का प्रेलखन। इससे न केवल चोरी की वारदात को कम करने में सहायता मिलेगी बल्कि हमें साक्ष्य भी मिलेंगे जिनके बिना इस मामले का नतीजा कुछ और भी हो सकता था।’ भारत के संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल डिजिटल माध्यम से इस अवसर पर उपस्थित रहे।