नई दिल्ली। कनाडा अपने इमिग्रेशन नियमों में बदलाव करने जा रहा है। जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में सुधार के उद्देश्य से नए नियम लागू करने का फैसला किया है। नए नियम के तहत अब कनाडा में नौकरी का ऑफर होने पर भी उम्मीदवारों को एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम के लिए अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे। इस फैसले से कनाडा में जाने वाले भारतीय कामगारों और अन्य देश के उन लोगों पर प्रभाव पड़ेगा जो कनाडा में स्थाई निवास चाहते हैं। कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय पढ़ने और काम के लिए जाते हैं।
जस्टिन ट्रूडो सरकार में इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर का कहना है कि नए नियम से इमिग्रेशन सिस्टम में और अधिक पारदर्शिता आएगी। साथ ही इससे लेबर मार्केट इम्पैक्ट असेसमेंट (एलएमआईए) की अवैध खरीद-बिक्री पर भी रोक लगेगी। आपको बता दें कि एलएमआईए वो वर्क परमिट है जिससे कनाडा में नौकरी पाने में मदद मिलती है। मिलर ने हालांकि यह कहा कि नए नियम उन्हीं लोगों पर लागू होंगे जो नया आवेदन करेंगे। जिन लोगों के इमिग्रेशन पहले मंजूर हो चुके हैं उन पर यह नियम लागू नहीं होगा।
क्या है एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम?
एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम कनाडा में विदेशी कामगारों को स्थाई निवास के लिए इमिग्रेशन की मुख्य प्रक्रिया है। इसके तहत अंकों के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। पहले अगर किसी उम्मीदवार के पास नौकरी का ऑफर होता था तो उसे अतिरिक्त अंक मिल जाते थे जो उसके लिए फायदेमंद होते थे मगर अब अतिरिक्त अंक देने वाली प्रक्रिया खत्म कर दी गई है। इससे उन भारतीयों को परेशानी होगी जो कनाडा में नौकरी के जरिए स्थायी निवास पाना चाहते हैं। वहीं इस संबंध में कनाडा के मंत्री मिलर का कहना है कि इससे आव्रजन प्रणाली में सुधार, धोखाधड़ी रोकने के लिए यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है ताकि कनाडा को कुशल कामगार मिलते रहें।