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Justin Trudeau Flip-Flop On India: ‘सिर्फ खुफिया जानकारी थी’, भारत पर गंभीर आरोप लगाने वाले कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने माना कि खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या मामले में नहीं दिए कोई सबूत

Justin Trudeau Flip-Flop On India: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगातार लगा रहे हैं। अब जस्टिन ट्रूडो खुद कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने इस बारे में भारत को कोई सबूत नहीं सौंपे।

ओटावा। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगातार लगा रहे हैं। अब जस्टिन ट्रूडो खुद कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने इस बारे में भारत को कोई सबूत नहीं सौंपे। कनाडा के विदेशी हस्तक्षेप संबंधी आयोग में जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत ने पूछा कि आप कितना जानते हैं और आपके पास जो सबूत हैं, वो दीजिए। ट्रूडो ने आयोग में कहा कि हमारा जवाब था कि ये आपकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है। आपको देखना चाहिए कि उनको कितना पता है। उस समय ये ठोस सबूत नहीं, मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी। यानी जस्टिन ट्रूडो अब भारत के उस दावे को मान रहे हैं कि कनाडा ने निज्जर की हत्या से जुड़े मामले में कोई सबूत नहीं दिए।

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के विदेशी हस्तक्षेप आयोग में ये भी कहा कि भारत अगस्त और सितंबर के अंत तक जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था। वो भारत के लिए बड़ा क्षण था। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा के पास मौका था कि वो समय से पहले सभी आरोपों को सार्वजनिक कर देता, लेकिन इससे भारत के लिए बहुत असहज होता और कनाडा ने ऐसा न करने का फैसला किया। हमने पर्दे के पीछे काम करना जारी रखने का फैसला किया। जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के विदेशी हस्तक्षेप आयोग में ये भी कहा कि दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुद्दा उठाया था। तब मोदी ने कहा कि कनाडा में ऐसे लोग  हैं, जो भारत के खिलाफ मुखर हैं। मोदी ने कहा कि वो चाहते हैं कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाए। इस पर मैंने मोदी को समझाने की कोशिश की कि कनाडा में आलोचना करना मौलिक आजादी है।

जस्टिन ट्रूडो इससे पहले ये नहीं मान रहे थे कि कनाडा ने निज्जर हत्या मामले में भारत को सबूत नहीं दिए। बीते दिनों उन्होंने इस मसले को बड़ा रूप देने की कोशिश के तहत भारत पर आरोप लगाकर ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर से भी बात की थी। अमेरिका से भी कहलाया था कि भारत इस मामले में कनाडा से सहयोग करे। ट्रूडो की सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट भी घोषित किया था। जिसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त व 5 राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया और कनाडा के कार्यकारी उच्चायुक्त समेत 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। उसके बाद से ही ट्रूडो सरकार से लगातार सवाल पूछे जा रहे थे कि उसने भारत को खालिस्तानी निज्जर की हत्या से जुड़े क्या सबूत दिए? अब तक तो ट्रूडो चुप थे, लेकिन जब दबाव बढ़ा, तो कह रहे हैं कि सबूत नहीं दिए गए।