नई दिल्ली। भारत में केंद्र सरकार के एक्शन के बाद खालिस्तान की मांग करने वाला अमृतपाल सिंह भागा भागा फिर रहा है। आज उसके समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद सियासी हवा और गर्म हो गई है। पंजाब में लगातार पुलिस सतर्कता बनाए हुए हैं और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इस बीच कुछ दिनों पहले कनाडा में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा जो हमला किया गया था उसके बाद कनाडा सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है। कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा पंजाब के घटनाक्रम पर ‘काफी करीबी’ नजर रख रहा है। जोली गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में इंडो-कनाडाई सांसद इकविंदर एस गहीर के एक सवाल का जवाब दे रही थीं। इंडो-कनाडाई सांसद गहीर ने कहा कि उन्होंने पंजाब में बड़े पैमाने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद किए जाने के विषय में जानकारी मिली है।
आपको बता दें कि इसके जवाब में कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा, “हम पंजाब में जो हो रहा है उस स्थिति से अवगत हैं। हम इसे बहुत बारीकी से देख रहे हैं। हम स्थिति को अधिक स्थिर होने की आशा करते हैं।” कनाडाई मंत्री ने कहा, “कनाडाई हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा सरकार पर भरोसा कर सकते हैं कि हम समुदाय के सदस्यों की चिंताओं को दूर करना जारी रखेंगे।” बता दें कि कनाडा में पंजाबियों की संख्या लगभग 9 लाख 50 हजार, यानी देश की आबादी का लगभग 2.6 प्रतिशत के लगभग है। ऐसे में कनाडा की पॉलिटिक्स में भी सिख समुदाय एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब कनाडा में खालिस्तान की मांग को लेकर हंगामा किया गया हो बल्कि इससे पहले भी कई बार कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा हंगामा किया गया था। हाल ही में खालिस्तान समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम को सुरक्षा चिंताओं के कारण रद्द करना पड़ा, जिसमें कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त हिस्सा लेने वाले थे। यह कार्यक्रम भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा की पश्चिमी तट की उनकी पहली यात्रा पर स्वागत के लिए ताज पार्क कन्वेंशन सेंटर सरे में रविवार को आयोजित किया जाना था।