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Charles Sobhraj : आखिरकार 19 साल बाद जेल से रिहा होगा चार्ल्स शोभराज, देखिए अपराध की दुनिया का ‘सर्पेंट’ कैसे बन गया ‘बिकिनी किलर’ ?

Charles Sobhraj : शोभराज 1970 के दशक में सक्रिय था। माना जाता है कि उसने दक्षिण पूर्व एशिया में कम से कम 12 लोगों की हत्या की थी। 1944 में वियतनाम में जन्मे शोभराज के पिता एक भारतीय थे और मां वियतनामी थीं।

काठमांडू। चार्ल्स शोभराज अपराध की दुनिया का ऐसा नाम है जिसके कारनामे दुनियाभर में जाने गए। अब नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस के सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को 19 साल जेल में बिताने के बाद उसकी उम्र के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि चार्ल्स दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के आरोप में 2003 से नेपाल की जेल में बंद है। शीर्ष अदालत ने उसकी रिहाई के 15 दिनों के भीतर उनके निर्वासन का भी आदेश दिया। यानी जेल से छूटने के 15 दिनों के भीतर उसे फ्रांस भेज दिया जाएगा। भारतीय और वियतनामी माता-पिता से फ्रांस में जन्मा शोभराज 1975 में अवैध तरीके से नेपाल में घुसा था। उसने नेपाल में प्रवेश करने के लिए नकली पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। इस दौरान उस पर दो बैकपैकर्स (यात्रियों) की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। जिन महिलाओं को चार्ल्स शोभराज ने मारा था उनमें 29 वर्षीय अमेरिकी नागरिक कोनी जो बोरोनजिच और उसकी 26 वर्षीय कनाडाई प्रेमिका लॉरेंट कैरिएर शरीक हैं।

वहीं आपको बता दें कि 1 सितंबर, 2003 को एक अखबार में शोभराज की फ़ोटो छपी थी। तस्वीर के आधार पर लोगों ने उसे नेपाल में एक कैसीनो के बाहर देखा और पुलिस के हवाले कर दिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने उसके खिलाफ 1975 में काठमांडू और भक्तपुर में दंपति की हत्या के आरोप में हत्या के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। वह काठमांडू की सेंट्रल जेल में 21 साल जेल की सजा काट रहा था। उसे विदेशी नागरिकों की हत्या के लिए 20 साल और फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए एक साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा, उस पर 2,000 रुपये के जुर्माने भी लगाया गया था।

चार्ल्स शोभराज कैसे बन गया बिकिनी किलर

कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि चार्ल्स शोभराज को अपराध की दुनिया में “बिकिनी किलर” और “सर्पेंट” के रूप में क्यों जाना जाता है। दरअसल शोभराज 1970 के दशक में सक्रिय था। माना जाता है कि उसने दक्षिण पूर्व एशिया में कम से कम 12 लोगों की हत्या की थी। 1944 में वियतनाम में जन्मे शोभराज के पिता एक भारतीय थे और मां वियतनामी थीं। वह कम उम्र में फ्रांस चला गया और छोटी-छोटी चोरी और धोखाधड़ी सहित आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। 1970 के दशक में, शोभराज ने दक्षिण पूर्व एशिया की यात्रा की, जहां उसने हत्या सहित कई अधिक संगीन अपराध करना शुरू कर दिया। अपराध की दुनिया का सर्पेंट ऐसे बना ‘बिकिनी किलर’ शोभराज ने थाईलैंड, नेपाल और भारत में पर्यटकों, विशेषकर बैकपैकर्स को निशाना बनाया। वह अक्सर उनसे दोस्ती करता था और फिर उन्हें ड्रग देता था, उनका सामान और पहचान चुरा लेता था। कुछ मामलों में, उसने जिन लोगों की हत्या की उनके शरीर को बुरी तरह ठिकाने लगाया करता था।


वहीं अगर उसकी मीडिया के सामने पहचान के बारे में बात की जाए तो शोभराज को मीडिया और पुलिस के बीच बिकिनी किलर के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि उसकी शिकार- आमतौर पर छुट्टियों पर आने वाली पर्यटक लड़कियां- होती थीं जो बिकिनी पहनती थीं। वह बिकिनी पहनी लड़कियों की हत्या करता था इसलिए उसे “बिकनी किलर” उपनाम मिला। शोभराज बेहद चालाक था। लड़कियों को अपने जाल में फंसाने में माहिर था। शोभराज अजनबियों को धोखा देने और पूरे यूरोप और एशिया में पुलिस से बचने में माहिर था। इसीलिए उसे द सर्पेंट (सांप) के रूप में भी जाना गया।