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Bangladesh: भारत के गुट को लेकर चीन दे रहा धमकी, भड़का बांग्लादेश, दिया करारा जवाब

Bangladesh: पिछले महीने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग, जिन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद से मुलाकात की थी, ने जोर देकर कहा था कि दोनों देशों को दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधन बनाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। पिछले कुछ महीनों में उभरते हुए इंडो पैसिफिक जियोपॉलिटिकल कंट्रोल्स में बांग्लादेश का महत्व बढ़ता जा रहा है।

नई दिल्ली। चीन ने सोमवार को बांग्लादेश को क्वॉड (चार देशों का एक समूह) गठबंधन में शामिल होने को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि अगर वह इस गठबंधन में शामिल होता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। रेडियो फ्री एशिया ने बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग के हवाले से कहा, अगर यह (क्वाड) पहल के साथ हाथ मिलाता है तो बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय संबंध काफी हद तक खराब हो जाएंगे।

China and Bangladesh

वहीं अब चीनी राजदूत जिमिंग की टिप्पणी पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मंगलवार को चीनी राजदूत के बयान, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण  और आक्रामक करार दिया। ली जिमिंग की टिप्पणी के एक दिन बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य हैं। हम अपनी विदेश नीति स्वयं तय करते हैं।’

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि हम चीन के तरफ से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं करते हैं। मोमन ने चीन के राजदूत की टिप्पणी को “अप्रासंगिक” करार दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश गुट-निरपेक्ष और संतुलन की नीति का पालन करता है। देश तय करेगा कि उस सिद्धांत के अनुरूप क्या करना है।

AK Abdul Momen

पिछले महीने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग, जिन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद से मुलाकात की थी, ने जोर देकर कहा था कि दोनों देशों को दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधन बनाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। पिछले कुछ महीनों में उभरते हुए इंडो पैसिफिक जियोपॉलिटिकल कंट्रोल्स में बांग्लादेश का महत्व बढ़ता जा रहा है। संकेत हैं कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए क्वाड सदस्य- अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत अब एक क्वाड प्लस समूह के लिए उत्सुक हैं।

ऐसी परिस्थितियों में सभी की निगाहें अब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री खेश हसीना पर हैं। विश्लेषकों का मानना है कि चीन बांग्लादेश पर दबाव डाल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री शेख हसीना व्यावहारिक तौर पर वही करेंगी, जो उन्हें अपने देश के लिए सबसे उपयुक्त लगेगा।