
नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश की नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन को पद से हटा दिया है। साथ ही शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक लियू शिपेंग को भी शीर्ष विधायिका से निकाल दिया है। माना जा रहा है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और रक्षा उद्योग में चल रहे व्यापक अनुशासनात्मक अभियान के तहत यह कदम उठाय गया है। नेवल चीफ हानजुन और परमाणु वैज्ञानिक लियू को देश की शीर्ष विधायिका और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद अब इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इन दो के अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़े रहे पूर्व शीर्ष जनरल मियाओ हुआ पर भी कार्रवाई करते हुए उनको केंद्रीय सैन्य आयोग से हटा दिया गया है। आपको बता दें कि केंद्रीय सैन्य आयोग चीन की सर्वोच्च सैन्य कमान है और इसका नेतृत्व खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाथों में है। इसके पहले भी राष्ट्रपति जिनपिंग कई टॉप सैन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों और सरकार विरोधी उनके कुछ कार्यों के चलते एक्शन ले चुके हैं। उधर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अन्य अधिकारी भी सकते में हैं। कई अधिकारी जो हानजुन या लियू के करीबी माने जाते हैं उनको भी इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनपर भी गाज न गिर जाए।
चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हानजुन की बात करें तो इस पद को संभालने से पहले वह केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रशिक्षण और प्रशासन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के रूप में सेवा दे रहे थे। इसके अलावा 2014 में उन्हें फुजियान प्रांत में नौसेना बेस का कमांडर नियुक्त किया गया था और तभी उनको वाइस एडमिरल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जबकि परमाणु वैज्ञानिक लियू शिपेंग चीन की सिविल और सैन्य परमाणु परियोजनाओं की निगरानी करने वाले चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन में बतौर डिप्टी चीफ इंजीनियर कार्यरत थे।