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Herbal medicine: हर्बल दवाओं के जरिए कोरोनावायरस को मात देने की खोज में लगा है WHO, हर्बल मेडिसिन ट्रायल का कर रहा समर्थन

Herbal medicine: पूरा विश्व इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप से जूझ रहा है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वहीं इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन (Corona virus vaccine) बनाने  पर तेजी से काम चल रहा है।

नई दिल्ली। पूरा विश्व इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप से जूझ रहा है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वहीं इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन (Coronavirus vaccine) बनाने  पर तेजी से काम चल रहा है। इस बीच कोरोना महामारी को मात देने के लिए अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हर्बल दवाओं (Herbal medicine) की खोज में लग गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार इस जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए हर्बल दवाओं में संभावनाएं खंगालने का प्रयास किया है। डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के इलाज के लिए अफ्रीका की हर्बल दवाओं के टेस्टिंग प्रोटोकॉल का समर्थन किया।

world health organisation

संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि शनिवार को WHO विशेषज्ञ और दो अन्य संगठनो के कुछ लोगों ने कोरोनावायरस के लिए हर्बल दवा के तीसरे ट्रायल प्रोटोकोल का समर्थन किया है। WHO के रीजनल डायरेक्टर प्रॉस्पर टुमुसीम ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यदि प्राचीन मेडिकल प्रोडक्ट सुरक्षा, प्रभाव और गुणवत्ता के पैमाने पर खरा उतरता है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन इसके फास्ट ट्रैक और बड़े पैमाने पर निर्माण की सिफारिश करेगा।

Corona Virus

इसमें WHO के साथ अफ्रीका सेंटर फोर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन और अफ्रीकन यूनियन कमीशन फोर सोशल अफेयर सहयोगी हैं। प्रोस्पर टुमुसीम के हवाले से आगे कहा गया है कि पश्चिमी अफ्रीका में इबोला की तरह कोविड-19 के प्रकोप से एक मजबूत हेल्थ सिस्टम की आवश्यकता महसूस की गई है। इसे देखते हुए प्राचीन दवाओं समेत रिसर्च और डेवलपमेंट प्रोग्राम को बढ़ावा देने की जरूरत है।

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इससे लगभग एक महीने पहले मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने एक हर्बल टी और हर्बल ड्रिंक लॉन्च किया था। उन्‍होंने दावा किया था कि इससे कोरोना वायरस का इलाज और रोकथाम दोनों ही हो सकती है। उनके मुताबिक इसका परिणाम मरीज पर सात दिनों में दिखाई भी देने लगता है। इस ड्रिंक को कोविड-ऑर्गेनिक्स नाम दिया गया है। इसे आर्टेमिसिया नाम के प्लांट से तैयार किया गया है जो कि मलेरिया के इलाज में अपनी क्षमता साबित कर चुका है। हर्बल टी बनाने के लिए और भी स्थानीय जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है।