नई दिल्ली। कल रात लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर एक परेशान करने वाली घटना में बड़ी संख्या में भारतीय पासपोर्ट धारकों को एक कठिन इमिग्रेशन क्लेरेन्स प्रक्रिया को लेकर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हीथ्रो हवाई अड्डे पर रात 8 बजे के आसपास कई उड़ानें उतरीं, जिससे बड़ी कतार लग गई और यात्रियों को इमिग्रेशन से गुजरने के लिए चार घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। सहायता और सेवाओं के अभाव के साथ-साथ सामान दिए जाने में देरी के कारण स्थिति और भी खराब हो गई, जिससे निराश यात्रियों को बिना किसी सहायता के घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहना पड़ा।
इन फ्लाइट्स से आने वाले यात्रियों को इमिग्रेशन काउंटरों पर निराशा का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में लोगों के क्लेरेन्स का इंतजार करने के बावजूद, प्रक्रिया घंटों तक चली, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक असुविधा और थकावट का यात्रियों को सामना करना पड़ा। देरी के कारण प्रभावित यात्रियों को परेशानी हुई, जिनमें से कई अपने गंतव्य तक पहुंचने या आगे की उड़ानों से जुड़ने के लिए काफी देर से प्रतीक्षा कर रहे थे। इस दौरान पूरा हवाई अड्डा सुनसान लग रहा था, यात्रियों के सामान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। इससे चिंताएं बढ़ गईं और इस बात पर चर्चा शुरू हो गई कि भारतीय हवाई अड्डे 24 घंटे कैसे संचालित होते हैं और सभी खाद्य दुकानें कैसे खुली रहती हैं।
ये घटनाएं अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं, खासकर पीक आवर्स के दौरान। यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए कि यात्रियों को जरूरत पड़ने पर सहायता मिले और उनकी यात्रा के बाद भी आवश्यक सेवाएं सुलभ रहें। लंदन एयरपोर्ट पर ऐसे माहौल को देख कर यात्रियों के बीच भारतीय हवाई अड्डों की दक्षता और चौबीसों घंटे सेवाएं प्रदान करने की उनकी क्षमता पर चर्चा होती रही। भारतीय हवाईअड्डों के भीतर अच्छी तरह से काम करने वाले खाद्य दुकानों की तुलना लंदन एयरपोर्ट से की गई जो दिन या रात के समय की परवाह किए बिना यात्रियों की जरूरतों को पूरा करते हैं। कई यात्री कहते हुए दिखाई दिए कि भारत कितना भी अविकसित या विकासशील हो लेकिन वहां हवाईअड्डे पर इस तरह दुकाने बंद नहीं मिलती।