
ढाका। एक बार फिर जबरदस्त हिंसा भड़कने के बाद बांग्लादेश सरकार ने रविवार को पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनों और विपक्षी बीएनपी के कार्यकर्ताओं के साथ शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं में जमकर संघर्ष हुआ। इसमें अब तक 93 लोगों की मौत होने की खबर है। मृतकों में 13 पुलिसकर्मी भी हैं। हिंसा में 30 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने वालों पर बांग्लादेश पुलिस ने स्टन ग्रेनेड दागे और आंसू गैस का प्रयोग किया। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के अलावा मगुरा, रंगपुर, बोगुरा और सिराजगंज जिलों में भी हिंसा की खबर है। बांग्लादेश में जुलाई से लेकर अब तक हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
बांग्लादेश की मीडिया के अनुसार शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी ढाका में एक असहयोग कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। वहां, सत्तारूढ़ अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो यानी युवा लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों में संघर्ष शुरू हो गया। प्रदर्शनकारी जुलाई में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग भी कर रहे हैं। वहीं, पीएम शेख हसीना ने भी प्रदर्शनकारियों पर कड़ा रवैया अपनाया है। उन्होंने विरोध के दौरान हिंसा करने वालों को छात्र नहीं, आतंकवादी करार दिया है। शेख हसीना ने कहा कि वो देशवासियों से अपील करती हैं कि ऐसे आतंकवादियों का सख्ती से दमन करें। पीएम शेख हसीना ने हालात से निपटने की रणनीति बनाने के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन, बॉर्डर गार्ड के प्रमुखों के साथ बैठक भी की।
इस बीच, भारत ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अभी बांग्लादेश न जाएं। इसके अलावा बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने सभी भारतीय नागरिकों से सावधानी बरतने, आवाजाही को सीमित करने का आग्रह किया है। साथ ही आपातकाल में भारतीय उच्चायोग से संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 8801958383679, 8801958383680 और 8801937400591 भी जारी किया है। बांग्लादेश में जुलाई में तब हिंसा शुरू हुई थी, जब कोर्ट ने मुक्ति योद्धाओं के परिजनों को 30 फीसदी आरक्षण देने का आदेश दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण को घटाकर 5 फीसदी कर दिया था। जिसके बाद हिंसा का दौर थमा था, लेकिन अब पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर हिंसा शुरू हो गई है।