कीव। तनातनी के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर सैनिक हमला तो नहीं किया, लेकिन आज तड़के यूक्रेन के बैंकों और तमाम सरकारी वेबसाइट्स पर साइबर अटैक हो गया है। यूक्रेन की सरकार के मुताबिक साइबर अटैक से रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय की साइट्स के अलावा बैंकों की वेबसाइट और उनके ऐप काम नहीं कर रहे हैं। इससे लोग ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रहे और काफी मुश्किल हो रही है। यूक्रेन के सूचना और तकनीकी मंत्रालय के मुताबिक साइबर अटैक से देशवासियों को घबराना नहीं चाहिए। बैंकों में उनका जमा धन सुरक्षित रहेगा। यूक्रेन सरकार को अंदेशा है कि ये साइबर अटैक रूस ने ही किया है। यूक्रेन सरकार के मुताबिक जब रूस हमले के प्लान में सफल नहीं हुआ, तो हो सकता है कि उसने हैकर्स से साइबर हमला करवाया हो।
इससे पहले जनवरी में भी यूक्रेन की 70 वेबसाइट्स अचानक ठप हो गई थीं। उस वक्त भी यूक्रेन ने इसका आरोप रूस पर मढ़ा था। रूस ने साल 2017 में भी यूक्रेन पर साइबर हमला किया था। इससे यूक्रेन को 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। रूस ने कल वीडियो जारी कर बताया था कि उसने यूक्रेन की घेराबंदी कर रही फौज में से कुछ यूनिट्स को हटा लिया है। रूस ने ये भी कहा था कि अगले एक महीने तक यूक्रेन पर हमले का कोई अंदेशा भी नहीं है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 130000 जवान और खतरनाक हथियार जमा कर रखे हैं। इसे लेकर रूस और नाटो देशों के बीच तनातनी भी चल रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को देर रात मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्हें भरोसा नहीं है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा से सैनिक हटाए हैं। नाटो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी यही बात कही थी। बाइडेन ने पहली बार इस मामले में सार्वजनिक बयान देते हुए कहा था कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। दरअसल, यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस ऐसा होने नहीं देना चाहता। रूस का कहना है कि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से उसकी सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा होगा।