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Justin Trudeau Resignation: इसी हफ्ते कनाडा के पीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं जस्टिन ट्रूडो, भारत से पंगा लेने के बाद विपक्ष के साथ अपनी लिबरल पार्टी में भी बने हैं निशाना

व Justin Trudeau Resignation: जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। बिना सबूत भारत पर ट्रूडो ने निज्जर की हत्या कराने का आरोप लगाया। भारत से पंगा लेने के बाद ही लगातार लिबरल पार्टी में जस्टिन ट्रूडो की स्थिति खराब होती गई और विपक्ष के साथ ही उनकी पार्टी के ही तमाम सांसदों ने ट्रूडो से कनाडा का पीएम पद छोड़ने की मांग की थी।

ओटावा। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो इसी हफ्ते पद से इस्तीफा दे सकते हैं। अखबार ‘द ग्लोब’ और ‘मेल’ ने सूत्रों के हवाले से ये खबर दी है। सूत्रों के हवाले से दोनों अखबारों ने बताया है कि बुधवार को जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के कॉकस यानी सांसदों की बैठक होनी है। लिबरल पार्टी की इस अहम बैठक में नया अध्यक्ष चुना जाएगा। जो कनाडा के पीएम का भी पद संभालेगा। जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। बिना सबूत भारत पर ट्रूडो ने निज्जर की हत्या कराने का आरोप लगाया। भारत से पंगा लेने के बाद ही लगातार लिबरल पार्टी में जस्टिन ट्रूडो की स्थिति खराब होती गई और उनकी पार्टी के ही तमाम सांसदों ने ट्रूडो से कनाडा का पीएम पद छोड़ने की मांग की थी।

hardeep singh nijjar and pm of canada justin trudeau

जस्टिन ट्रूडो के लिए दिक्कत उस वक्त और बढ़ी, जब 18 दिसंबर 2024 को उनकी सरकार की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले ही लिबरल पार्टी के 2 दर्जन से ज्यादा सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग की थी। इन सांसदों का कहना है कि 2025 में कनाडा में संसद के चुनाव होने जा रहे हैं। जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता लगातार घट रही है। लिबरल पार्टी के सांसदों का कहना है कि ट्रूडो के कनाडा का पीएम रहते चुनावों में पराजय की आशंका बहुत ज्यादा है। अपनी ही लिबरल पार्टी में निशाना बनने के कारण जस्टिन ट्रूडो के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो चुकी है। वहीं, अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जस्टिन ट्रूडो की नीतियों की खूब आलोचना की है। कुल मिलाकर जस्टिन ट्रूडो चौतरफा घिर गए हैं। जिसकी वजह से कनाडा का पीएम पद छोड़ना ही उनके लिए एकमात्र रास्ता दिख रहा है।

justin trudeau

पुराने दोस्त रहे और एक-दूसरे से हजारों किलोमीटर दूर बसे कनाडा और भारत के बीच तनातनी की मूल वजह खालिस्तानी आतंकियों को ट्रूडो और उनकी सरकार से मिलने वाली शह है। ट्रूडो के शासनकाल में कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां लगातार बढ़ी हैं। यहां तक कि कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों की जान को भी खतरा पैदा हुआ। भारत ने भी ट्रूडो की तरफ से लगाए गए बेबुनियाद आरोपों के बाद अपने उच्चायुक्त और कुछ राजनयिकों को वापस बुला लिया था। जबकि, कनाडा के राजनयिकों को निष्कासित भी किया था। भारत ने कुछ वक्त के लिए कनाडा के लोगों को वीजा देना भी बंद कर दिया था। बीते एक साल में भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या भी कम हुई है। इन सब वजहों के कारण जस्टिन ट्रूडो विपक्ष का भी निशाना बन रहे थे।