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US Debt Crisis: अमेरिका दिवालिया होने से बचा, राष्ट्रपति जो बाइडेन और रिपब्लिकन केविन में कर्ज सीमा बढ़ाने पर सहमति हुई

अमेरिका की सरकार अपने खर्चों और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कानूनी तौर पर संसद से कर्ज का बिल पास कराती है। अमेरिका के संसद ने इस कर्ज को लेने की एक सीमा बनाई हुई है। इसे डेट सीलिंग कहा जाता है। बाकायदा इसके लिए संसद ने कानून पास किया हुआ है।

अमेरिका का संसद भवन कैपिटल।

वॉशिंगटन। अमेरिका बड़े संकट से फिलहाल उबर गया है। अमेरिका के दिवालिया होने का खतरा था। कर्ज संकट गहरा गया था। अब राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी कांग्रेस के अध्यक्ष और रिपब्लिकन पार्टी के केविन मैक्कार्थी के बीच कर्ज की सीमा पर समझौता होने की खबर है। इस समझौते के तहत अमेरिकी सरकार की कर्ज की सीमा बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर किया जाएगा। अमेरिका में कर्ज का ये संकट करीब एक महीने से चल रहा था। अगर ये संकट न टलता, तो अमेरिका में सभी सरकारी कामकाज ठप पड़ जाते। कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं मिलती। संकट को टालने के लिए बाइडेन ने मैक्कार्थी से कई दौर की बैठक की। जिसका नतीजा अब निकला है। बताया जा रहा है कि बाइडेन ने मैक्कार्थी को फोन किया और 90 मिनट बातचीत की। जिसके बाद कर्ज सीमा बढ़ाने पर सहमति बनी।

joe biden and kevin mccarthy
राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ केविन मैक्कार्थी।

कर्ज संकट क्या है, ये आपको बताते हैं। अमेरिका की सरकार अपने खर्चों और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कानूनी तौर पर संसद से कर्ज का बिल पास कराती है। अमेरिका के संसद ने इस कर्ज को लेने की एक सीमा बनाई हुई है। इसे डेट सीलिंग कहा जाता है। बाकायदा इसके लिए संसद ने कानून पास किया हुआ है। इससे अमेरिका सरकार के खर्चे पर संसद का नियंत्रण रहता है। कांग्रेस की मंजूरी के बगैर अमेरिका की सरकार इस सीमा से ज्यादा कर्ज नहीं ले सकती। अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी बहुमत में है। इसके सांसद सरकारी कर्ज की सीमा बढ़ाने के विरोध में थे।

dollar

अगर कर्ज संकट पर समझौता न होता, तो इससे अमेरिका के खजाने में एक भी डॉलर नहीं रहता। इसका असर अमेरिका के साथ ही दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ता। इसकी वजह ये है कि हर देश की मुद्रा को डॉलर के मुकाबले ही आंका जाता है। अब खबर ये है कि कुछ मसलों पर बातचीत के बाद अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा की तरफ से अमेरिकी सरकार को और कर्जा देने की मंजूरी मिल जाएगी।