
नई दिल्ली। पड़ोसी देश श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच नई सरकार का गठन हो गया है। आज शुक्रवार यानी 22 जुलाई को वरिष्ठ नेता दिनेश गुणवर्धने को श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आज शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई। गौरतलब है कि गुणवर्धने ने अप्रैल माह में, पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान गृह मंत्री पद का कार्यभार संभाला था। इसके अलावा, वो विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री का पद खाली हो गया था। छह बार प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके विक्रमसिंघे ने गुरुवार यानी 21 जुलाई को देश के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। बता दें, इससे पहले बुधवार यानी 20 जुलाई को हुए राष्ट्रपति चुनाव में 225 सदस्यों वाली संसद में विक्रमसिंघे ने 134 वोट हासिल किए थे। विक्रमसिंघे अब गोटबाया राजपक्षे के बाकी बचे कार्यकाल तक राष्ट्रपति पद पर आसीन रहेंगे, जो नवंबर 2024 में समाप्त होगा।
ज्ञात हो, बीते दिनों हजारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे, जिसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बोरिया बिस्तर बांधकर देश से निकल गए थे। बाद में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। इस समय श्रीलंका बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में ईंधन समेत तमाम जरूरी चीजों की कमी हो गई है।
दिनेश गुणवर्धने को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने आज कोलंबो के फ्लावर रोड स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
(सोर्स- न्यूज़वायर) pic.twitter.com/jnTlI14ARJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2022
श्रीलंका अपने नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में भी अक्षम हो गया है। देश को लगभग 2.2 करोड़ की आबादी की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अगले महीनों में करीब पांच अरब डॉलर की जरूरत होगी।