इस्लामाबाद। एक वक्त था जब अमेरिका पाकिस्तान के सबसे बड़े सहयोगियों में गिना जाता था, लेकिन आज वही अमेरिका पाकिस्तान से सीधे मुंह बात नहीं करना चाहता है। इसके पीछे कई वजहें हैं, लेकिन जिस देश के सामने पाकिस्तान बार-बार कटोरा लेकर भीख मांगता है, अब उसी देश ने उसके पंख कतरने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिकी संसद में प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान का दर्जा खत्म करने के लिए विधेयक पेश किया गया है। ये विधेयक अमेरिका के एक सांसद ने पेश किया है, जिसमें पाकिस्तान को कुछ शर्तों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति से वार्षिक प्रमाणीकरण की जरूरत का प्रावधान है।
United States | Bill introduced in US House of Representatives seeking termination of the designation of Pakistan as a major non-NATO ally, and for other purposes.
— ANI (@ANI) January 18, 2023
आपको बता दें कि साधारण तौर पर ऐसे विधेयक पारित नहीं हो पाते हैं, लेकिन मौजूदा विधेयक पाकिस्तान के खिलाफ सांसदों की भावनाओं को दर्शाता है, जो आतंकवाद को पनाह देने और इसे सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है। एरिजोना के पांचवें कांग्रेशनल जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद एंडी बिग्स ने विधेयक (एचआर 80) प्रेजेंट किया है।
गौरतलब है कि अमेरिकी संसद में जो विधेयक पारित किया गया है उसमें एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान के दर्जे को बनाए रखने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति से इस बात का प्रमाणीकरण जारी किए जाने की मांग की गई है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने में प्रगति दिखाई है और उसने हक्कानी नेटवर्क को किसी भी पाकिस्तानी क्षेत्र को पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए कदम उठाने का काम किया है।
ऐसी परिस्थितियों में पाकिस्तान के लिए इसे एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि अमेरिका में कई लोग हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई की अहम शाखा मानते हैं। यह विधेयक अमेरिकी राष्ट्रपति से इस बात का प्रमाण भी चाहता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठनों के आतंकवादियों की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ सक्रिय रूप से समन्वय स्थापित करने के प्रयास में जुटा हुआ है।