काठमांडू/नई दिल्ली। नेपाल में बड़ा भूकंप आया है। जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह करीब 6.40 बजे नेपाल के लोबुचे के उत्तर-पूर्व में 93 किलोमीटर दूरी पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप का असर भारत के बिहार, बंगाल और सिक्किम तक देखा गया। तिब्बत में भी 6.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। नेपाल में आए भूकंप से पश्चिम बंगाल के मालदा समेत उत्तरी इलाकों और सिक्किम में लोगों को तेज झटके महसूस हुए। बिहार में मोतीहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। कई सेकेंड तक भूकंप का असर लोगों ने देखा।
#WATCH | Kathmandu | An earthquake with a magnitude of 7.1 on the Richter Scale hit 93 km North East of Lobuche, Nepal at 06:35:16 IST today: USGS Earthquakes pic.twitter.com/MnRKkH9wuR
— ANI (@ANI) January 7, 2025
#WATCH | Earthquake tremors felt in Bihar’s Sheohar as an earthquake with a magnitude of 7.1 on the Richter Scale hit 93 km North East of Lobuche, Nepal at 06:35:16 IST today pic.twitter.com/D3LLphpHkU
— ANI (@ANI) January 7, 2025
नेपाल और भारत के उत्तर के इलाकों में भूकंप आते ही रहते हैं। इसकी वजह यूरेशिया और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट का टकराना है। भारतीय टेक्टोनिक प्लेट लगातार उत्तर की ओर बढ़ रही है। वहां यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेट से उसकी टक्कर होती है। जब दोनों टेक्टोनिक प्लेट टकराती हैं, तो इससे बहुत ऊर्जा निकलती है। धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट की टक्कर से निकली ऊर्जा के कारण ही भूकंप आते हैं। पूरी धरती के नीचे 7 टेक्टोनिक प्लेट हैं। कई जगह टेक्टोनिक प्लेट की टक्कर के बाद दरार बन जाती है। इससे जमीन के नीचे से लावा निकलने लगता है। इस घटना को ज्वालामुखी विस्फोट कहते हैं।
An earthquake with a magnitude of 7.1 on the Richter Scale hit 93 km North East of Lobuche, Nepal at 06:35:16 IST today: USGS Earthquakes pic.twitter.com/CY3KtWAWO4
— ANI (@ANI) January 7, 2025
नेपाल में इससे पहले 25 अप्रैल 2015 को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। उस भूकंप के कारण नेपाल में 8964 लोगों की मौत हुई थी। जबकि, करीब 22000 लोग घायल हुए थे। नेपाल में आए इस विनाशकारी भूकंप के कारण बहुत सारी प्राचीन इमारतें भी ढह गई थीं। 8 लाख के करीब घर और अन्य ढांचे भी नेपाल में आए इस प्रलयंकारी भूकंप में नष्ट हुए थे। नेपाल में आए इस भूकंप का इतना असर पड़ा था कि भारत, चीन और बांग्लादेश में 250 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। 2015 में भी नेपाल में सुबह के वक्त ही भूकंप आया था। इसकी वजह से लोगों को बचने का मौका कम ही मिला और बड़ी संख्या में मौतें हुईं।