newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Khalistani Arrested In Canada: भारत के सख्त रुख का असर दिखना शुरू, कनाडा में मंदिरों पर खालिस्तानी नारे लिखने वाला एक आरोपी गिरफ्तार

कनाडा और भारत के बीच पिछले कुछ दिन से काफी तनातनी है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में बयान दिया था कि उनकी जांच एजेंसियों को लगता है कि सर्रे शहर में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है। इसी पर भारत ने कनाडा के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।

सर्रे। खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने के मामले में भारत के सख्त रुख के बाद अब कनाडा में ऐसे तत्वों की गिरफ्तारी शुरू हुई है। कनाडा के सर्रे शहर में इस साल 12 और 14 अगस्त को मंदिरों पर खालिस्तानी नारे लिखने के एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है। 12 और 14 अगस्त को कनाडा के सर्रे शहर में लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारों पर खालिस्तानी समर्थक नारे लिखे और पोस्टर चिपकाए गए थे। इसके अलावा श्री वेंकटेश्वर महाविष्णु मंदिर और श्री माता भामेश्वरी दुर्गा मंदिर की दीवारों पर भी पेंट की मदद से नारे लिखे गए थे।

canada temple khalistani poster

कनाडा और भारत के बीच पिछले कुछ दिन से काफी तनातनी है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में बयान दिया था कि उनकी जांच एजेंसियों को लगता है कि सर्रे शहर में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है। हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तानी आतंकी था। इसके बावजूद जस्टिन ट्रूडो ने ये बात न कहकर उसे कनाडा का नागरिक बताया था और इसे अपने देश की संप्रभुता को खतरा करार दिया था। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या इस साल 18 जून को सर्रे शहर के गुरुद्वारा के बाहर अज्ञात लोगों ने कर दी थी।

hardeep singh nijjar and pm of canada justin trudeau
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (दाएं) ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत पर आरोप लगाया था।

ट्रूडो की तरफ से आरोप लगाए जाने के बाद कनाडा ने भारत के उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया था। इसके बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया और कनाडा के राजनयिक को निकाल दिया। फिर भारत ने कनाडा के नागरिकों को वीजा देना भी अनिश्चितकाल तक रोक दिया। बीते दिनों ही भारत ने कनाडा से कहा था कि वो अपने दिल्ली उच्चायोग से 41 राजनयिकों को 10 अक्टूबर तक हटा ले। भारत ने कहा था कि 10 अक्टूबर के बाद कनाडा के इन राजनयिकों को जेनेवा समझौते के तहत मिलने वाली सुरक्षा नहीं दी जाएगी।