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Impact Of Trump Tariff On China: ट्रंप के टैरिफ का सामना कर रहे चीन ने आयात और निर्यात के आंकड़े किए जारी, जानिए कम्युनिस्ट देश को फायदा हुआ या नुकसान?

Impact Of Trump Tariff On China: अंतरराष्ट्रीय कारोबार संबंधी एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन को ट्रंप के टैरिफ से झटका लगेगा। खासकर चीन में बने इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अमेरिका में काफी महंगे होंगे। अमेरिका के सीमा शुल्क विभाग ने शुक्रवार को बताया था कि लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट पर टैरिफ लागू नहीं होगा, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। ट्रंप ने कहा है कि अब वो इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर अलग से टैरिफ लगाने वाले हैं।

बीजिंग। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 145 फीसदी का टैरिफ लगाया है। बदले में चीन ने भी अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर 145 फीसदी का टैरिफ लगा दिया। माना जा रहा है कि ट्रंप से टैरिफ की इस जंग में शी जिनपिंग के देश को नुकसान होगा। इस आशंका के बीच अब चीन की सरकार ने मार्च तक आयात और निर्यात के आंकड़े जारी किए हैं। चीन की सरकार ने सोमवार को बताया कि मार्च 2025 में देश के निर्यात में 12.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जबकि, इसी महीने आयात में 4.3 फीसदी गिरावट आई।

चीन की सरकार ने बताया है कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच सालाना आधार पर निर्यात में 5.8 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई। बीते साल के इन्हीं तीन महीनों के मुकाबले चीन का आयात 7 फीसदी गिर गया। अमेरिका से चीन के व्यापार की बात करें, तो इसका सरप्लस मार्च में 27.6 अरब डॉलर था। वहीं, इस साल जनवरी से मार्च के बीच अमेरिका से चीन के व्यापार में 76.6 अरब डॉलर का सरप्लस रहा। चीन सरकार ने कारोबार के जो आंकड़े दिए हैं, वे जनवरी से मार्च तक के हैं। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से टैरिफ लगाना शुरू किया है। ऐसे में नजर इस पर है कि अप्रैल 2025 और उसके बाद चीन के निर्यात पर क्या असर होता है।

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अंतरराष्ट्रीय कारोबार संबंधी एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन को ट्रंप के टैरिफ से झटका लगेगा। खासकर चीन में बने इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अमेरिका में काफी महंगे होंगे। अमेरिका के सीमा शुल्क विभाग ने शुक्रवार को बताया था कि लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट पर टैरिफ लागू नहीं होगा, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। ट्रंप ने कहा है कि अब वो इलेक्ट्रॉनिक आइटम और लैपटॉप व मोबाइल वगैरा पर अलग से टैरिफ लगाने का फैसला करने वाले हैं। चीन में ऐसे काफी आइटम बनते हैं। ऐसे में इनको बनाने वाली कंपनियां भारत का रुख कर सकती हैं। बीते दिनों ही खबर आई थी कि एप्पल ने भारत से असेंबल कर बहुत ज्यादा आईफोन विदेशी बाजारों में भेजे हैं। जबकि, सबसे ज्यादा आईफोन चीन में ही बनते हैं।