newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

China-America Relations : G-20 समिट में भारत में आमने-सामने होंगे चीन और US के विदेश मंत्री, जासूसी गुब्बारे पर तनाव के बीच अहम है बैठक

China-America Relations :इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी रवाना हो चुके हैं। जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक इस बार भारत की अध्यक्षता में हो रही है। इसकी थीम है, वसुधैव कुटुम्बकम या एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य। नौ और 10 सितंबर को होने वाले फाइनल सम्मेलन से पूर्व इसे एक बड़े आयोजन के तौर पर देखा जा रहा है।

नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय से चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते बेहतर नहीं रहे हैं। एक तरफ चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत एशिया में अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहता है तो दूसरी तरफ अमेरिका भी एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाह रहा है। चीन के विदेश मंत्री किन गैंग भारत में होने वाली जी-20 बैठक में हिस्सा लेने आने वाले हैं। जी-20 के विदेश मंत्रियों की यह बैठक दो मार्च को दिल्ली में होने वाली है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। अमेरिका में चीनी जासूसी गुब्बारा प्रकरण के बाद यह पहली बार होगा जब अमेरिका और चीन के दो प्रमुख मंत्री किसी मंच पर एक नजर आएंगे।

आपको बता दें कि दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच भी बीते कुछ अरसे में सीमा पर संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि तनावपूर्ण माहौल के साए के बीच जी-20 बैठक से क्या कुछ निकलता है। सकारात्मक संदेश देने की कोशिश चीनी विदेश मंत्री के जी-20 मीटिंग में आने के संबंधर रॉयटर्स ने इस रिपोर्ट दी है। वहीं, इस बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि जी-20 को वैश्विक अर्थव्यस्था के सामने उभरने वाली प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन जी-20 के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में शामिल होकर एक सकारात्मक संदेश देना चाहता है। ये सभी सदस्य देशों के लिए बेहतर परिणाम लाएगा।

गौर करने वाली बात ये है कि इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी रवाना हो चुके हैं। जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक इस बार भारत की अध्यक्षता में हो रही है। इसकी थीम है, वसुधैव कुटुम्बकम या एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य। नौ और 10 सितंबर को होने वाले फाइनल सम्मेलन से पूर्व इसे एक बड़े आयोजन के तौर पर देखा जा रहा है। बीते करीब 31 महीनों से ज्यादा समय से भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को लेकर उलझे हुए हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद हालात लगातार तनावपूर्ण बने रहे हैं।