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Nepal: ‘पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र ने भड़काई हिंसा…कार्रवाई हो’, नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड की मांग

Nepal: नेपाल में राजशाही बहाली की मांग पर शुक्रवार को जमकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस प्रदर्शन के कारण हालात इतने बिगड़े कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगाकर सेना को तैनात करना पड़ा। काठमांडू में राजशाही बहाली के पक्ष में हुए प्रदर्शन के दौरान 2 लोगों की जान भी गई। हिंसा के संबंध में अब तक 100 लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह को अब पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने निशाने पर लेकर हिंसा करवाने का आरोप लगाया है।

काठमांडू। नेपाल में राजशाही बहाली की मांग पर शुक्रवार को जमकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस प्रदर्शन के कारण हालात इतने बिगड़े कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगाकर सेना को तैनात करना पड़ा। काठमांडू में राजशाही बहाली के पक्ष में हुए प्रदर्शन के दौरान 2 लोगों की जान भी गई। हिंसा के संबंध में अब तक 100 लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। अब नेपाल के पूर्व पीएम और वामपंथी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। प्रचंड ने मांग की है कि नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुष्प कमल दहल ने शनिवार को काठमांडू के उन इलाकों का दौरा भी किया, जहां शुक्रवार को हिंसा हुई थी।

सोशलिस्ट फ्रंट के दफ्तर भी प्रचंड गए। इस दफ्तर को राजशाही बहाली की मांग के आंदोलन के दौरान काफी नुकसान पहुंचाया गया। नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने साफ तौर पर कहा कि इन सबके पीछे ज्ञानेंद्र शाह का हाथ है। प्रचंड ने कहा कि ज्ञानेंद्र शाह की नीयत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि नेपाल की सरकार सख्त कार्रवाई करे। पूर्व पीएम ने घटना की पूरी जांच और दोषियों को सजा दिलाने की मांग भी की है। साथ ही प्रचंड ने ये भी कहा है कि पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र को अब पूरी आजादी भी नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाए। इससे पहले खबर आई थी कि नेपाल की कैबिनेट ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह को गिरफ्तार करने पर भी चर्चा की। हालांकि, खबर लिखे जाने तक उनकी गिरफ्तारी का फैसला नहीं हुआ था।

नेपाल में राजशाही वापसी की मांग राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी कर रही है। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उपाध्यक्ष रबींद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राणा समेत तमाम लोग गिरफ्तार आरोपियों में हैं। राज संस्था पुनर्स्थापना आंदोलन का नेतृत्व नवराज सुवेदी के हाथ है। नेपाल में राजशाही वापसी की मांग करने वालों का कहना है कि देश को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने से ही समस्याओं का समाधान निकलेगा। नेपाल में साल 2008 में राजशाही खत्म हो गई थी। इससे पहले 240 साल तक वहां शाह खानदान ही सबसे ऊपर माना जाता था।