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Nityanand : अब अमेरिका में डांका डालने की तैयारी में भगोड़ा नित्यानंद, अमेरिकी शहरों के साथ कैलासा से ‘फर्जी’ समझौते की खुली पोल

Nityanand : नेवार्क और फर्जी ‘संयुक्त राज्य कैलासा’के बीच सिस्टर-सिटी समझौता इस साल 12 जनवरी को हुआ था और इसके लिए नेवार्क स्थित सिटी हॉल में समारोह आयोजित किया गया था। दरअसल, रेप के आरोप में सजा से बचने के लिए देश से भगौड़ा घोषित स्वामी नित्यानांद ने वर्ष 2019 में ‘संयुक्त राज्य कैलासा’ की स्थापना का ऐलान किया था।

नई दिल्ली। बीते दिनों जब UNSC में भगोड़े, रेप के आरोपी ‘स्वघोषित भगवान’ नित्यानन्द के ‘कथित देश, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ की प्रतिनिधि मीटिंग में शामिल होने पहुंची, तो ये दुनियाभर में चर्चाओं में आ गया। अब स्वयंभू बाबा नित्यानंद अब अमेरिकी शहरों की मुश्किल बढ़ा रहा है। उसके फर्जी देश ‘संयुक्त राज्य कैलासा’ ने 30 से अधिक अमेरिकी शहरों के साथ एक फर्जी समझौता किया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह करार’सांस्कृतिक भागीदारी’ समझौता के तहत किया गया है। यह रिपोर्ट अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी के नेवार्क शहर की ओर से यह कहने के कुछ दिनों बाद सामने आई कि उसने नित्यानंद के काल्पनिक देश के साथ ‘सिस्टर सिटी’ समझौता रद्द कर दिया है।

आपको बता दें कि नेवार्क और फर्जी ‘संयुक्त राज्य कैलासा’के बीच सिस्टर-सिटी समझौता इस साल 12 जनवरी को हुआ था और इसके लिए नेवार्क स्थित सिटी हॉल में समारोह आयोजित किया गया था। दरअसल, रेप के आरोप में सजा से बचने के लिए देश से भगौड़ा घोषित स्वामी नित्यानांद ने वर्ष 2019 में ‘संयुक्त राज्य कैलासा’ की स्थापना का ऐलान किया था। इसकी एक वेबसाइट के अनुसार 30 से अधिक अमेरिकी शहरों ने फर्जी देश कैलासा के साथ ‘सांस्कृतिक भागीदारी’ और समझौता कर लिया है। ये खबरें सामने आने के बाद से ही अमेरिकी सरकार की नींद उड़ी हुई है।

गौरतलब है कि कैलासा की वेबसाइट के अनुसार, इन शहरों में रिचमंड, वर्जीनिया, ओहायो, डेटन और बुएना पार्क समेत अन्य शहर शामिल हैं।  अमेरिकी शहरों को ठग रहा कैलासा फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को कहा गया कि, ”हम फर्जी बाबा का पता लगा रहे हैं, जिसके पास उन शहरों की लंबी सूची है, जिनको उसने ठगा है।” नॉर्थ कैरोलिना के जैक्सनविले ने ‘फॉक्स न्यूज’ से कहा, ”कैलासा के साथ हमारी घोषणाएं किसी तरह का समर्थन नहीं हैं। वह एक अनुरोध का जवाब हैं। अनुरोध के साथ दी गई जानकारी को हम सही नहीं ठहरा सकते हैं।”