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Germany-Iran Relations :जर्मनी ने ईरान के तीन वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का दिया आदेश, जानिए आया है विवाद का कारण?

Germany-Iran Relations : ईरान ने शरमाहद पर आतंकवादी गतिविधियों का आरोप लगाया था। उनका दावा था कि उन्होंने 2008 में एक मस्जिद पर हमले की साजिश रची थी, जिसमें 14 लोगों की जान गई थी। इसके अलावा, उन पर 2017 में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के मिसाइल स्थलों की गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप भी लगाया गया। हालांकि, शरमाहद का परिवार इन आरोपों को खारिज करता रहा और उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास करता रहा।

नई दिल्ली। जर्मनी ने गुरुवार को ईरान के तीन वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का आदेश जारी किया है। यह कदम उस घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें ईरान ने ईरानी-जर्मन नागरिक जमशिद शरमाहद को आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा दी थी। शरमाहद अमेरिका में रहते थे और साल 2020 में ईरानी सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर उनका दुबई से अपहरण कर लिया था।

जर्मन विदेश मंत्री की घोषणा

जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने फ्रैंकफर्ट, हैम्बर्ग और म्यूनिक स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने की घोषणा की। इसके बाद अब ईरान का केवल बर्लिन में स्थित दूतावास ही सक्रिय रहेगा।


फांसी पर जर्मनी का विरोध

शरमाहद की फांसी के बाद जर्मन विदेश मंत्रालय ने भी इस कदम का कड़ा विरोध जताया। उन्होंने मंगलवार को ईरान के प्रभारी राजदूत को तलब कर इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई। जर्मन राजदूत मार्कस पोत्जेल ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागजी से भी मुलाकात की और इस पर कड़ा विरोध जताया, जिसके बाद उन्हें बर्लिन वापस बुला लिया गया।

शरमाहद पर आरोप और उनका परिवार

ईरान ने शरमाहद पर आतंकवादी गतिविधियों का आरोप लगाया था। उनका दावा था कि उन्होंने 2008 में एक मस्जिद पर हमले की साजिश रची थी, जिसमें 14 लोगों की जान गई थी। इसके अलावा, उन पर 2017 में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के मिसाइल स्थलों की गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप भी लगाया गया। हालांकि, शरमाहद का परिवार इन आरोपों को खारिज करता रहा और उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास करता रहा।

जर्मनी, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का प्रतिक्रिया

जर्मनी और अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने शरमाहद की फांसी को फर्जी करार दिया है।