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Rahul Gandhi In Cambridge : ‘महिलाओं को गैस सिलिंडर और लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाना अच्छा कदम… PM मोदी की नीतियों की तारीफ करते हुए क्या बोले राहुल गांधी?

Rahul Gandhi In Cambridge : अगर कोई एक विचार थोपा जाएगा तो प्रतिक्रिया होगी. भारत में धार्मिक विविधता है। भारत में सिख, मुस्लिम, ईसाई सभी हैं लेकिन मोदी इन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब बुनियादी स्तर पर असहमति हो तो फर्क नहीं पड़ता कि आप किन दो–तीन नीतियों से पर सहमति नहीं बना पाते हैं।

नई दिल्ली। इन दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ब्रिटेन के दौरे पर कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण को लेकर चर्चाओं में हैं। राहुल गांधी ने बुधवार, 1 मार्च को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल में छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी ने देश की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया तो भारत में उनकी जासूसी किए जाने की बात भी कही। हालांकि, इस दौरान एक मौका ऐसा भी आया, जब कांग्रेस नेता ने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ भी की। राहुल से जब मोदी सरकार की अच्छी नीतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उज्जवला योजना और जन धन योजना का जिक्र किया। कैंब्रिज में कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी से ये सवाल किया गया कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार की उन नीतियों के बारे में बता सकते हैं जो भारत के इंटरेस्ट में हैं?

आपको बता दें कि ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कहा, शायद महिलाओं को गैस सिलिंडर देना और लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाना अच्छा कदम है लेकिन मेरे विचार में मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं। वो भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं जिसे भारत स्वीकार नहीं कर सकता। भारत राज्यों का संघ है। अगर कोई एक विचार थोपा जाएगा तो प्रतिक्रिया होगी. भारत में धार्मिक विविधता है। भारत में सिख, मुस्लिम, ईसाई सभी हैं लेकिन मोदी इन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब बुनियादी स्तर पर असहमति हो तो फर्क नहीं पड़ता कि आप किन दो–तीन नीतियों से पर सहमति नहीं बना पाते हैं।

गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैंब्रिज के बिजनेस स्कूल में ’21वीं सदी में सुनना सीखने की कला’ विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए नई सोच की जरूरत की बात कही। साथ ही ये भी कहा कि इसे किसी पर थोपा न जाए। हम ऐसी दुनिया बनते हुए नहीं देख सकते जो लोकतांत्रिक मूल्यों से से कटी हुई हो।