newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

BAPS Swaminarayan Mandir Sydney : बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर सिडनी में मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन, दैवीय क्षण के साक्षी बने हजारों भक्त

BAPS Swaminarayan Mandir Sydney : मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि भक्ति, नि:स्वार्थ सेवा और गुरु की अनुपम कृपा का दिव्य उत्सव था। इस समारोह की एक और खास बात यह रही कि गुरुहरी महंत स्वामी महाराज ने 92 वर्ष की आयु होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया जाने का संकल्प लिया और इस समारोह में शामिल हुए।

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह का बहुत ही भव्य आयोजन किया गया। मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि भक्ति, नि:स्वार्थ सेवा और गुरु की अनुपम कृपा का दिव्य उत्सव था। इसी के साथ बीएपीएस ने ऑस्ट्रेलिया के आध्यात्मिक इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय को जोड़ दिया। इस समारोह की एक और खास बात यह रही कि गुरुहरी महंत स्वामी महाराज ने 92 वर्ष की आयु होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया जाने का संकल्प लिया और इस समारोह में शामिल हुए।

महंत स्वामी महाराज की असीम कृपा से मंदिर में अक्षर-पुरुषोत्तम महाराज, घनश्याम महाराज, राधा-कृष्ण देव, सीता-राम, शंकर-पार्वती, हनुमानजी और गणेशजी की मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की गईं। इस दैवीय क्षण की अनुभूति के लिए और इसके साक्षी बनने के लिए हजारों भक्त समारोह में एकत्रित होकर श्रद्धा और कृतज्ञता से अभिभूत हुए। यह केवल मूर्ति स्थापना नहीं थी, बल्कि यह एक आध्यात्मिक क्रांति थी, एक ऐसा ऐतिहासिक पड़ाव, जिसने ऑस्ट्रेलिया में सनातन धर्म की उपस्थिति को सुदृढ़ किया और भक्ति तथा सांस्कृतिक संरक्षण के एक नए युग का सूत्रपात किया।

वहीं, गुरुहरी महंत स्वामी महाराज के सिडनी आगमन की खबर से भक्तों में आध्यात्मिक आनंद की लहर दौड़ गई। मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह के लिए हजारों भक्तों ने व्रत रखा, इस दौरान यज्ञ का आयोजन हुआ तथा वहां मौजूद बड़ी संख्या में भक्तों ने सामूहिक रूप से संस्कृत में ‘सत्संग दीक्षा ग्रंथ’ का पाठ किया। यह श्रद्धा, एकता और गुरु की दिव्य इच्छा के प्रति पूर्ण समर्पण का एक बहुत ही अद्भुत दृश्य था।

महंत स्वामी महाराज ने भक्तों की अटूट श्रद्धा और आध्यात्मिकता को देखते हुए, मेलबर्न में भव्य अक्षरधाम मंदिर की नींव रखी थी, ताकि आध्यात्मिकता की यह ज्योति आने वाली पीढ़ियों को भी आलोकित करती रहे। इसी तरह, सिडनी में विशाल सत्संग समाज की आध्यात्मिक आवश्यकताओं को समझते हुए 25 एकड़ के मंदिर परिसर की दूरदर्शी कल्पना को साकार किया गया। यह भव्य मंदिर परिसर आज श्रद्धा और भक्ति का स्मारक बनकर, ऑस्ट्रेलिया और संपूर्ण विश्व में दिव्यता का प्रकाश फैला रहा है।

आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र, जो भविष्य को दे रहा आकार

बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि शांति का आश्रय, ज्ञान का द्वार और सांस्कृतिक व नैतिक पुनर्जागरण का केंद्र है। यहाँ श्रद्धा कर्म बनती है, मूल्य जीवन का आधार बनते हैं और भक्ति जीवन को दिव्यता की ओर ले जाती है। इस ऐतिहासिक मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह ने बीएपीएस के वैश्विक आध्यात्मिक मिशन में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि सनातन धर्म फले-फूले, भक्ति गहरी हो और आने वाली पीढ़ियाँ अपने दिव्य संस्कारों से जुड़ी रहें। सिडनी से लेकर संपूर्ण विश्व तक, अक्षर-पुरुषोत्तम दर्शन का प्रकाश अनवरत रूप से प्रकाशित हो रहा है, जो संपूर्ण मानवता को उच्चतम उद्देश्य की ओर प्रेरित कर रहा है।

बीएपीएस केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन को परिवर्तन देने वाली विरासत

बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) की सेवा केवल भव्य मंदिरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक आंदोलन है, जो नैतिक उत्थान, आध्यात्मिक जागृति और नि:स्वार्थ सेवा के लिए समर्पित है। बीएपीएस ने ऑस्ट्रेलिया में 18 भव्य मंदिरों की स्थापना की है, जो आध्यात्मिकता के साथ-साथ चरित्र निर्माण, पारिवारिक एकता और सामाजिक समरसता के केंद्र बन गए हैं। आज ऑस्ट्रेलिया में 175 से अधिक साप्ताहिक सत्संग केंद्र सक्रिय हैं, जो हजारों बालकों, युवाओं और वृद्धों को धर्मपरायणता, अनुशासन और भक्ति के मार्ग पर प्रेरित कर रहे हैं। बीएपीएस केवल एक धार्मिक संगठन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आंदोलन है, जो अनगिनत लोगों को सेवामय और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है।