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US Killing: न्यूयॉर्क के ग्रोसरी स्टोर में अश्वेतों पर फायरिंग, इस अंदाज में हमलावर ने ली 11 की जान

एफबीआई सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक जांच से लगता है कि गेंड्रोन बफेलो इलाके में नस्लीय तौर पर उकसावे से प्रेरित था। जांच एजेंसी इसे हेट क्राइम मान रही है। जिस इलाके में फायरिंग हुई है, वो अश्वेत बहुल भी है। मृतकों के भी अश्वेत होने के कारण गेंड्रोन के बारे में एफबीआई की ये थ्योरी फिलहाल सही लग रही है।

न्यूयॉर्क। अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय समय के मुताबिक शनिवार रात 12 बजे (स्थानीय समय दोपहर 2.30 बजे) एक बंदूकदारी ने सुपरमार्केट में गोलीबारी कर दी। इससे 11 लोगों की मौत और 3 के घायल होने की खबर है। मृतकों में एक पुलिसकर्मी भी है। जान गंवाने वाले सभी अश्वेत हैं। पुलिस के मुताबिक ये घटना टॉप्स सुपरमार्केट के ग्रॉसरी स्टोर में हुई। हमलावर की पहचान 18 साल के पेटन गेंड्रोन के तौर पर हुई है। वो काले रंग की हेलमेट और सेना की वर्दी और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने था। हेलमेट पर लगे कैमरे से वो वारदात की लाइव स्ट्रीमिंग भी कर रहा था। इस घटना की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को दी गई है।

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पुलिस का कहना है कि गेंड्रोन ने दुकान के बाहर 4 लोगों को गोली मारी। इसके बाद एक सिक्युरिटी गार्ड ने उस पर फायर किया, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट की वजह से वो बच गया और उस गार्ड की भी हत्या कर दी। बाद में उसने कई और लोगों को भी गोली मारी। फायरिंग की जानकारी मिलने के बाद स्टोर को पुलिस ने घेर लिया। पुलिस ने गेंड्रोन से बातचीत की। इसके बाद उसने सरेंडर कर दिया। गेंड्रोन ने फायरिंग क्यों की, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। घटना के कारणों की जांच का जिम्मा खुफिया एजेंसी एफबीआई को दिया गया है।

एफबीआई सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक जांच से लगता है कि गेंड्रोन बफेलो इलाके में नस्लीय तौर पर उकसावे से प्रेरित था। जांच एजेंसी इसे हेट क्राइम मान रही है। जिस इलाके में फायरिंग हुई है, वो अश्वेत बहुल भी है। मृतकों के भी अश्वेत होने के कारण गेंड्रोन के बारे में एफबीआई की ये थ्योरी फिलहाल सही लग रही है। अमेरिका में हथियार रखने के नियम काफी ढीले हैं। इस वजह से वहां आए दिन इस तरह की घटनाओं में लोगों और यहां तक कि स्कूली बच्चों तक को जान गंवानी पड़ती है। हर बार चुनाव के वक्त राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गन कल्चर को रोकने का वादा करते हैं, लेकिन इस दिशा में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति ने कोई कदम नहीं उठाया है।