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Gwadar Port : तरक्की के नाम पर चीन ने पाकिस्तान को फिर बनाया बेवकूफ, पाकिस्तानी बोले चीन हमारा…

Gwadar Port : चीन की मदद से पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित किया जा रहा है। जिसको लेकर पाकिस्तान की सरकार चीन की तारीफ करते नहीं थकती, लेकिन यह ग्वादर बंदरगाह का प्रोजेक्ट सफल होते हुए नहीं दिख रहा है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में विकास कराने के नाम पर चीन की जिनपिंग सरकार ऋण जाल बुनती जा रही है। लेकिन पाकिस्तान की सरकार को इस बात का जरा भी ख्याल नहीं कि चीन की चाल पाकिस्तान को पूरी तरीके से बर्बाद कर सकती है। इस बीच आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को चीन ने एक बार फिर से बेवकूफ बना दिया है। दरअसल पाकिस्तान में चीन द्वारा वित्त पोषित ग्वादर बंदरगाह ने आर्थिक क्रांति का वादा किया था। पाकिस्तान सरकार को उम्मीद थी की ग्वादर बंदरगाह चीन को सौंप देने से उसके स्थानीय लोगों का भला होगा और उन्हें आर्थिक रूप से मदद मिलेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह एक अलग तरह का बंदरगाह समझौता बनकर रह गया है, जिसका आर्थिक लाभ स्थानीय आबादी को नहीं मिल रहा है। न्यूयॉर्क स्थित समाचार वेबसाइट द चाइना प्रोजेक्ट ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का पूरी तरह से खुलासा किया है।

चीन की मदद से पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित किया जा रहा है। जिसको लेकर पाकिस्तान की सरकार चीन की तारीफ करते नहीं थकती लेकिन यह ग्वादर बंदरगाह का प्रोजेक्ट सफल होते हुए नहीं दिख रहा है। ग्वादर बंदरगाह के डेवलपमेंट को लेकर पिछले सात साल से काम चल रहा है। चीन इसमें पैसे लगा रहा है। लेकिन इस क्षेत्र के निवासियों को इससे कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। यही नहीं, लोगों को उम्मीद थी कि बंदरगाह के बनने से आसपास के इलाके में विकास होगा लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ है। सारे विकास कार्य बंदरगाह तक सीमित होकर रह गए हैं।

चीन द्वारा बनाए जा रहे ग्वादर बंदरगाह के बारे में बात करते हुए पाकिस्तान के ग्वादर में एक सामाजिक कार्यकर्ता नासिर रहीम सुहराबी ने बताया, “ग्वादर में युवाओं की यह पीढ़ी पिछले 20 वर्षों में इस सपने के साथ बड़ी हुई है कि चीनी पैसा ग्वादर को एक नए दुबई या सिंगापुर में बदल देगा। लेकिन आज वे जो देखते हैं वह उनके सपनों को तोड़ने के लिए काफी है।” सुहराबी ने आगे कहा कि पूरा शहर एक सुरक्षा घेरे में है। स्थानीय लोगों को बंदरगाह शहर में जाने के लिए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है नहीं को भारी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है। यहां का मिनी फिश हार्बर अब ग्वादर पोर्ट का एक हिस्सा बन गया है। पहले इस जगह से स्थानीय मछुआरे मछलियां पकड़ते थे लेकिन अब वे बंदरगाह तक फ्री में नहीं पहुंच सकते क्योंकि उन्हें सुरक्षा प्रोटोकॉल से गुजरना पड़ता है। कोह-ए-बातिल, ग्वादर पोर्ट के ठीक दक्षिण में एक पहाड़ी इलाका है। यहां के बीच पर खूब लोग आते थे।

इसके साथ ही स्थानीय निवासियों का ये भी कहना है कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले यह स्थानीय आगंतुकों के मनोरंजन का स्थान हुआ करता था। अब वे विभिन्न सुरक्षा चौकियों से गुजरे बिना क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते। द्वारा बनाए जा रहे इस ग्वादर प्रोजेक्ट पाकिस्तान की जनता कुछ नजर नहीं आ रही है क्योंकि वहां पर आम जनता के पहुंचने पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं जिससे कि स्थानीय निवासी काफी ज्यादा परेशान हो गए हैं।