नई दिल्ली। इजराइल-हमास के बीच जारी जंग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार इजराइल को अपना समर्थन दे चुकी है। एक या दो बार नहीं, बल्कि कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर इस संदर्भ में वार्ता हो चुकी है, लेकिन कुछेक विपक्षी दल सरकार की इस नीति के विरोध में हैं। विपक्षी दल खुलकर फिलिस्तीन को समर्थन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बीते दिनों अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली सहित कई अन्य विपक्षी दल फिलिस्तीन दूतावास भी गए थे, ताकि अपना समर्थन जाहिर कर सकें। उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि अगर किसी ने भी फिलिस्तीन को समर्थन किया,तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि सीएम योगी का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया था, जब एएमयू के छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकाली थी। उधर, सीएम के उक्त बयान पर ओवैसी ने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि मैं फिलिस्तीन के झंडे के साथ तिरंगा झंडा लेकर जाऊंगा। देखता हूं कि फिर कौन क्या करेगा, तो कुल मिलाकर बतौर पाठक आप अब तक समझ ही गए होंगे कि जहां एक तरफ इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ भारत में भी इसे लेकर सियासत गरम हो चुकी है।
इस बीच आज एक नेता का नाम यकायक सभी की जुबां पर आ गया, जिन्हें लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। दरअसल, इस नेता का नाम है खालिद मिशेल। ये है कौन ? तो आपको बता दें कि ये हमास के नेता हैं, जो कि अभी इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोलने में मशगूल हैं। बता दें कि शुक्रवार को केरल के मलप्पुरम में हमास के समर्थन में रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें कई नेता शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि इस रैली में हमास नेता खालिद मिशेल भी ऑनलाइन शामिल हुए, जिमसें इनके नेतृत्व में हिंदू विरोध नारे भी लगाए गए। इतना ही नहीं, इन्होंने अपने संबोधन में लोगों से बुलडोजर के विरोध में भी नारे लगवाए, जिसके बाद अब देश में राजनीति गरम हो चुकी है। बीजेपी इस पर सवाल उठा रही है।
बीजेपी ने उठाए सवाल
बता दें कि बीजेपी प्रदेश अध्य़क्ष के सुरेंद्रन ने हमास नेता की भागीदारी पर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने उन सभी लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की, जो कि इसमें शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमास नेता का इस तरह की रैली में शामिल होना चिंताजनक है। फिलिस्तीन बचाओ की आड़ में आतंकवादियों को वित्तपोषित करने की कोशिश की जा रही है, जो कि निंदनीय है।
गाजा में भी हुई थी ऐसी रैली
सनद रहे कि कुछ दिनों पहले केरल के कोझीकोड में भी फिलिस्तीन के समर्थन में रैली हुई थी। उस पर भी बीजेपी ने सवाल उठाया था, लेकिन अफसोस अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। गाजा में आयोजित हुई रैली में मानवाधिकार आयोग के कई संगठन भी शामिल हुए थे, जिन्होंने फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया था। ध्यान दें, इस रैली में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले की निंदा की थी। उन्होंने इसे आतंकवादी कृत्य बताया था, जिसके बाद उनके बयान की खूब आलोचना हुई। थरूर के इस बयान के बाद मुस्लिम संगठन ‘महल एम्पावरमेंट मिशन’ ने आगामी 30 अक्टूबर को फिलिस्तीन के समर्थन में आयोजित होने वाली रैली में कांग्रेस नेता थरूर को नहीं बुलाने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि बीत 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर जल, थल और वायु मार्ग से चार हजार से अधिक रॉकेट दागे थे, जिसकी जद में आकर अब तक हजारों लोगों की मौत हो गई। हमास द्वारा किए गए इस कायराना हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी कर कहा कि दुश्मन देश को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उधर, विश्व समुदाय भी इस पूरे मुद्दे को लेकर दो गुटों में बंट चुका है।