
नई दिल्ली। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी है। दोनों ही देश पिछले 15 दिनों से युद्ध की विभीषिका झेल रहे हैं। बीते दिनों आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर जल, थल और वायु मार्ग से चार हजार से भी अधिक रॉकेट दागे, जिसकी जद में आकर पूरा दक्षिण इजराइल तबाह हो गया। हमास के लड़ाकों ने इजराइलियों को निर्ममता से मौत के घाट उतारा, तो युवतियों की आबरू के साथ खिलवाड़ किया। अब तक इस युद्ध में दोनों पक्षों की ओर से हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, अब खबर है कि इस पूरे मामले ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
दरअसल, इजराइल में बेंजामिन के खिलाफ लोगों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका है। राजधानी तेल अवीव पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने बेंजामिन के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया। प्रदर्शनकारी बेंजामिन से इस्तीफा मांग कर रहे हैं। आक्रोशित लोग बेंजामिन से मांग कर रहे हैं कि वो इजराइल की जेलों में कैद फिलिस्तीनियों को रिहा करें। अगर इजराइली सरकार ऐसा करती है, तो इसके एवज में फिलिस्तीन की जेलों में बंद इजराइली बंदियों को रिहा किया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की जेलों में 10 हजार से भी अधिक फिलिस्तीनी बंद हैं, जिनमें से पांच हजार पहले तो शेष पांच हजार अब गिरफ्तार किए गए, लेकिन अब लोग नेतन्याहू सरकार से इन सभी को रिहा करने की मांग कर रहे हैं।
इजराइलियों का कहना है कि अगर हमारी सरकार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर देती है, तो इसके एवज में फिलिस्तीन की जेलों में बंद हमारे लोगों को रिहा किया जाए, जिससे शायद आगामी दिनों में इस युद्ध पर भी विराम लगे। फिलहाल, दोनों पक्षों के बीच तनाव बरकरार है। अरब देशों की ओर से भी शांति अपील की जा रही है, लेकिन नेतन्याहू अब आक्रमक मुद्रा में आ चुके हैं। उ्न्होंने प्रण ले लिया है कि वो आतंकी संगठन हमास का खात्मा करके ही दम लेंगे।
इसी कड़ी में बीते दिनों इजराइली सैनिकों ने गाजा पट्टी पर भी हमला किया था, जिसकी जद में आकर कई फिलिस्तीनी मारे गए थे। उधर, कई वैश्विक संगठन हमास के कृत्य की निंदा कर रहे हैं। हमास ने अमानवीयता की सारें हदें पार कर दीं हैं। उन्होंने मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ा। वहीं, इस बीच जिस तरह से इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन के खिलाफ अपने ही लोग मैदान में उतर आए हैं, उससे वो कैसे निपटते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।